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देश में तेजी से बढ़ रहे हैं 'घोस्ट मॉल्स', दिल्ली-नोएडा सबसे ज्यादा वीरान, नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट

40% से ज्यादा खाली मॉल की जो संख्या 2022 में 57 पर थी, 2023 में बढ़कर 64 हो गई है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी02:11 PM IST, 08 May 2024NDTV Profit हिंदी
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वीकेंड के दौरान मॉल में उमड़ने वाली भीड़ का जवाब नहीं. लेकिन रियल एस्टेट मामलों से जुड़ी फर्म नाइट फ्रैंक (Knight Frank) की ओर से जारी किए गए आंकड़े इसकी तस्दीक नहीं करते.

भारत के 8 बड़े शहरों के मॉल लोगों की कमी से जूझ रहे हैं. रिटेलर्स और कंज्यूमर्स, दोनों ही प्रीमियम प्रॉपर्टीज की तरफ इतनी तेजी से शिफ्ट हो रहे हैं, कि 40% से ज्यादा खाली मॉल की जो संख्या 2022 में 57 थी, साल 2023 में बढ़कर 64 हो गई है.

रियल एस्टेट कंसल्टेंट फर्म नाइट फ्रैंक (Knight Frank) ने बीते मंगलवार को एक रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट का शीर्षक था, 'थिंक इंडिया थिंक रिटेल 2024'. इसमें भारत के 29 शहरों के शॉपिंग सेंटर और स्ट्रीट्स के डायनामिक्स की विस्तार से चर्चा की गई है.

'घोस्ट शॉपिंग सेंटर'

नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, टियर 1 कैटेगरी में आने वाले टॉप 8 शहरों में रिटेल एसेट्स का जिक्र किया गया है, जिनकी परफॉर्मेंस में लगातार कमी आ रही है.

देश में 64 ऐसे शॉपिंग मॉल हैं, जिनका 40% से ज्यादा एरिया खाली है. इन 64 शॉपिंग मॉल का कुल एरिया 1.33 करोड़ वर्ग फीट होगा. इन मॉल को 2023 के 'घोस्ट शॉपिंग सेंटर' की कैटेगरी में रखा गया है.

बीते साल 57 मॉल को 'घोस्ट शॉपिंग सेंटर' कैटेगरी में रखा गया था, जिनका कुल एरिया 84 लाख वर्ग फीट था. इस लिहाज से कुल एरिया में 58% का बड़ा उछाल आया है.

नाइट फ्रैंक के मुताबिक, घोस्ट शॉपिंग सेंटर की संख्या में बढ़ोतरी के चलते 2023 में 6,700 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है.

कौन शहर टॉप पर?

NCR में सबसे ज्यादा 53 लाख वर्ग फीट, मुंबई में 21 लाख वर्ग फीट और बेंगलुरु में 20 लाख वर्ग फीट एरिया 'घोस्ट शॉपिंग सेंटर' है.

जिस शहर में सबसे तेज उछाल नजर आया है, वो है कोलकाता. सालाना आधार पर कोलकाता में 'घोस्ट शॉपिंग सेंटर' एरिया में 237% का उछाल दिखा है.

टॉप 8 शहरों के 64 घोस्ट मॉल में 21 दिल्ली-NCR में, 12 बेंगलुरु में, 10 मुंबई में, 6 कोलकाता में, 5 हैदराबाद में, 4 अहमदाबाद में और 3 चेन्नई और पुणे में हैं.

नाइट फ्रैंक का बयान

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल के मुताबिक, 'बढ़ती खपत, बढ़ती डिस्पोजेबल इनकम, युवाओं की बढ़ती आबादी और शहरीकरण के चलते ऑर्गनाइज्ड रिटेल सेक्टर को फायदा हुआ है'. उन्होंने कहा, 'फिजिकल रिटेल स्पेस के अलावा शॉपिंग करने वालों के लिए अच्छा रिटेल एक्सपीरिएंस भी बहुत जरूरी है'.

बैजल के मुताबिक, 'ग्रेड A मॉल ने काफी अच्छा परफॉर्म किया है. उनके पास अच्छा फुटफॉल, शानदार जगह, आने वाले कस्टमर्स से पैसे में बदलने का शानदार हुनर है'. उन्होंने कहा, 'वहीं, ग्रेड C मॉल और शॉपिंग सेंटर इसमें पीछे रहे हैं. जिसके चलते लैंडलॉर्ड को इन्हें सुधारने या विनिवेश की सलाह दी जा रही है'.

नाइट फ्रैंक ने बताया कि बीते 1 साल में टियर 1 शहरों में शॉपिंग सेंटर की संख्या में कमी आई है.

तादाद में आई कमी

8 नए रिटेल सेंटर्स खुलने के बावजूद, 2023 में देश में कुल शॉपिंग सेंटर की तादाद घटकर 263 रह गई है. वजह है बीते 1 साल में 16 शॉपिंग सेंटर पर ताला लगना.

अंडरपरफॉर्म करने वाले शॉपिंग सेंटर्स को या तो डेवलपर्स रेसिडेंशियल या कमर्शियल डेवलपमेंट के लिए खत्म कर देते हैं, या बंद कर देते हैं या फिर नीलाम कर देते हैं.

रिपोर्ट में भारत के 29 शहरों में 340 शॉपिंग सेंटर और 58 हाई स्ट्रीट को कवर किया गया है.

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