वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि सेवा कर स्वैच्छिक अनुपालन प्रोत्साहन योजना (वीसीईएस) जीवन में एक बार मिलने वाला मौका है क्योंकि इस तरह की पेशकश अगले 20 साल में फिर आने की संभावना नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कर चोरी करने वालों को आगाह किया है कि अंतत: उन्हें पहचान कर, उन तक पहुंचा जाएगा।
उन्होंने कहा, उल्टी गिनती शुरू हो गई है और अंतिम तारीख 31 दिसंबर है। सरकार ने उचित व उदार पेशकश की है, ऐसी पेशकश जो कम से कम अगले कुछ दशक में तो आपको फिर मिलने की संभावना नहीं है। इसलिए यह सभी के हित में हैं कि वे इस पेशकश का लाभ उठाएं।
वीसीईएस की शुरुआत 10 मई को हुई थी। इसके तहत एक अक्तूबर 2007 से 31 दिसंबर 2012 की अवधि के सेवा कर बकाया का भुगतान बिना ब्याज व जुर्माने के किया जा सकता है।
चिदंबरम ने बेंगलूर में वीसीईएस पर व्यापार व उद्योग जगत के प्रतिनिधियों की बैठक में कहा, पिछली छूट योजना 1997 में वीडीआईएस के नाम से आई थी। इसके 16 साल बाद हमने सेवा कर के लिए इस तरह की योजना शुरू की है।
उन्होंने कहा, अगर कोई यह मानता है कि एक और योजना अगले साल आ रही है, मुझे भय है कि वह गलत है। ये योजनाएं हर साल घोषित नहीं की जा सकती। हमें इस तरह की योजनाओं के लिए पर्याप्त अच्छे कारण चाहिए।
बाद में हैदराबाद में भी ऐसी ही एक बैठक में उन्होंने कहा, अगर आपको लगता है कि कोई योजना अगले साल फिर आएगी या 2015 में आएगी तो आप गलत हैं। उन्होंने कहा- इस तरह की योजनाओं की घोषणा हर साल नहीं की सकती। स्वैच्छिक आय उद्घोषणा योजना (वीडीआईएस) के बारे में उच्चतम न्यायालय के एक फैसले ने हमारे हाथ बांध दिए हैं।
चिदंबरम ने कहा, इसी कारण हमें इस योजना में संशोधन करना पड़ा ताकि यह उच्चतम न्यायालय के निर्देश का उल्लंघन नहीं हो। यह जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर है और निश्चित रूप से अगले 20 साल में नहीं मिलेगा।