अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह ने नीरा राडिया की टैप की गई बातचीत के विश्लेषण के बाद सामने आए आपराधिक मुद्दों में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को जांच के उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए कहा है कि इस मामले में वह विवेकहीन कारपोरेट प्रतिद्वंद्वियों के शरारतपूर्ण अभियान का शिकार रहा है।
रिलायंस समूह ने एक बयान में कहा है ‘हम मामले में उच्चतम न्यायालय की निगरानी में की जाने वाली सीबीआई की समयबद्ध स्वतंत्र जांच का स्वागत करते हैं। इससे हमारी यह सचाई सामने आ जाएगी और यह साबित हो जाएगा कि मामले में विवेकहीन कारपोरेट प्रतिद्वंद्वियों की शह पर पिछले पांच साल से हमारे खिलाफ चलाए जा रहे शरारतपूर्ण मिथ्या अभियान का शिकार रहे हैं।’
उच्चतम न्यायालय द्वारा राडिया टैप से उजागर शीर्ष औद्योगिक घरानों पर कथित तौर से कृपादृष्टि किए जाने के मामले की सीबीआई को जांच के निर्देश दिए जाने पर प्रतिक्रिया जताते हुए कंपनी ने कहा है कि उसे कभी भी कोई लौह अयस्क खान आवंटित नहीं की गई और वह इस कारोबार में कभी नहीं रही।
रिलायंस एडीएजी समूह की कंपनी की सासन बिजली परियोजना को कोयला खान आवंटन मामले में अनिल अंबानी की कंपनी ने कहा है कि वर्ष 2006 में खान का आवंटन शत-प्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी को किया गया था।
सासन अल्ट्रा मेगा पावर प्राजैक्ट से अधिशेष कोयले के उपयोग के बारे में कंपनी का कहना है कि इसे प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले दो अधिकार प्राप्त मंत्री समूह ने दो अलग-अलग मौकों पर मंजूरी दी।