देश के मोबाइल बाजार में रिलायंस इंडस्ट्रीज की जियो सेवा की घोषणा के बाद से लोगों में कंपनी का सिम लेने की होड़ मची हुई है. कई लोग इसके फ्री डाटा के चक्कर में लंबी कतार में लगकर सेवा का लाभ लेना चाहते हैं तो कई लोग तकनीक में इसे उन्नत मानकर सिम लेने के लिए खड़े हैं. रिलायंस जियो की सर्विस अभी 4जी पर आधारित है, लेकिन कंपनी की वेबसाइट पर साफ लिखा है कि उसके पास बेस्ट 4 जी ब्रॉडबैंड नेटवर्क है. कंपनी का दावा है कि उसके पास भारत का पहला ऑल आईपी नेटवर्क है.
कंपनी ने यह भी दावा किया है कि मोबाइल से वीडियो कॉलिंग की बेहतर सेवा देने के लिए मोबाइल वीडियो नेटवर्क का अच्छा जाल बिछाया गया है. कंपनी का दावा है कि 18000 शहरों और करीब 2 लाख गांवों में 4जी नेटवर्क की सेवा उपलब्ध कराने के लिए टावरों का जाल बिछाया गया है.
कंपनी यह सब सुविधा वॉयस ओवर एलटीई तकनीक पर दे रही है. और सबसे अहम बात यह है कि कंपनी भविष्य के लिए 5जी और 6जी सुविधाओं के साथ भी तैयार है. जानकारी के लिए बता दें कि भारत में अभी 5जी की सुविधा उपलब्ध नहीं है. लेकिन, भारत को बाकी दुनिया के देशों के साथ 5जी मिलने की संभावना है क्योंकि दूरसंचार सचिव जेएस दीपक ने हाल ही में कहा कि हम इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) में प्रवेश कर रहे हैं, ऐसे में इस बात की संभावना है कि देश को 5जी शेष दुनिया के साथ मिले.
बता दें कि विकसित देशों की तुलना में भारत को 2जी तकनीक शेष दुनिया से 25 साल बाद मिली. इसी तरह भारत को 3जी तकनीक उस समय मिला जबकि एक दशक पहले यह अमेरिका और यूरोप पहुंच चुकी थी. लेकिन 4जी तकनीक भारत में विकसित देशों में आने के पांच साल बाद ही पहुंच गई. इसलिए यह उम्मीद की जा सकती है कि 5जी के मामले में ऐसी संभावना रहे कि यह भारत में शेष दुनिया के साथ ही आ जाए.
उल्लेखनीय है कि मुकेश अंबानी की कंपनी आरआईएल के द्वारा रिलायंस जियो 4जी के साथ बाजार में उतरने से जैसे पूरे टेलीकॉम सेक्टर में भूचाल सा आ गया है. इस कंपनी के पॉपुलर प्लान की वजह से बाजार में मौजूद सभी अन्य टेलीकॉम कंपनियां इतनी डर सी गई हैं कि वह मुकाबले को तैयार नहीं है. सिर्फ सरकारी कंपनी बीएसएनएल ने साफ कर दिया है कि वह चुनौती के लिए तैयार है और जल्द अपने प्लान में बदलाव की घोषणा करेगी. उधर, बाजार के अन्य ऑपरेटरों की सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) एसोसिएशन ने सरकार को खत लिखकर साफ कर दिया है कि वे इस नए सेवा प्रदाता (रिलायंस जियो) की फ्री-कॉल की बाढ़ को संभालने की स्थिति में नहीं है.
इसके विरीत रिलायंस जियो के सूत्रों ने कहा कि उसका विरोध कर रही कंपनियां पर जियो या किसी नेटवर्क से आने वाली कॉल को ‘इंटरकनेक्टिविटी’ यानी मार्ग देने की कानूनी बाध्यता है.