देश के संसद (Parliament) आज मोदी सरकार (Modi government) के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पर चर्चा कर रही है. अकसर देखा गया है कि संसद (Loksabha) में चर्चा में हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित हो जाती है. देश के लोग इस हंगामे के अब आदि होते जा रहे हैं. ऐसा लगता है कि देश में विपक्ष हंगामे का आदि हो गया है और संसद की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ जाती है. वर्तमान मॉनसून सत्र से पहले भी यही उम्मीद की जा रही थी, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव चर्चा के लिए मंजूर हो जाने के बाद आज देश के लोगों को सदन में इस प्रस्ताव पर पार्टियों की राय सुनने को मिल रही है.
ऐसे में जब संसद आज चर्चा कर रही है तब सभी देशवासी के मन में यह विचार आता है कि आखिर देश के सांसदों को कितना वेतन मिलता है, उन्हें कितना भत्ता मिलता है.
यह सबको मालूम है कि लोकतांत्रिक देश में कानून बनाने का अधिकार संसद को है और संसद अपने सांसदों के दम पर यह काम करती है. लोकतंत्र की यही खूबसूरती है कि सांसद जनता द्वारा चुने जाते हैं और इस प्रकार जनता अपने लिए कानून बनाती है. सांसदों का काम जनता की सेवा करना है और अकसर समाजसेवा में कुछ मिलता नहीं है. केवल समाज की सेवा और समाज का मार्गदर्शन ही उनका काम रहा है. लेकिन सांसदों को कई बार आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा और ऐसे में संसद ने सांसदों का वेतन और जरूरत के हिसाब से भत्ते तय किए.
आइए जानते हैं सांसदों को कितना वेतन और भत्ता मिलता है