सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) -ग्रामीण डाक सेवकों द्वारा लगातार नौवें दिन बुधवार को हड़ताल जारी रखे जाने से देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में डाक सेवाएं बंद रहीं. सातवें वेतन आयोग के लागू नहीं करने के विरोध में 22 मई को शुरू हुई देशव्यापी हड़ताल के प्रदर्शनकारियों के एक धड़े का अनुबंध अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ (एआईजीडीएसयू) से है.
देश भर में लगभग तीन लाख डाक सेवक हैं जो ग्रामीण डाक घरों में डाक पहुंचाने का काम करते हैं.
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वे उस प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जिसमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के श्रमिकों को मजदूरी दी जाती है.
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एआईजीडीएसयू के महासचिव एसएस महादेवय्या ने कहा, "ग्रामीण क्षेत्रों में संपूर्ण डाक सेवा हम पर निर्भर है जिसमें मनरेगा का भुगतान भी शामिल है. हम मैदानी क्षेत्रों ही नहीं, दूरस्थ और जनजातीय क्षेत्रों में भी काम करते हैं."
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उन्होंने कहा, "हम कोई काम नहीं करेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे. जनता हमारा समर्थन कर रही है और वह हमारे मुद्दे समझती है." संघ के नेता ने जोर देते हुए कहा कि वे अपनी मांगे पूरी होने तक हड़ताल जारी रखेंगे.