ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, Goldman Sachs Group Inc और Barclays Plc सहित कई अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि भारत की वार्षिक आर्थिक वृद्धि कुछ वर्षों के लिए लगभग 6% तक धीमी होने का अनुमान है. हालांकि, उनका मानना है कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिहाज से बुरा नहीं है. Barclays के राहुल बाजोरिया ने कहा है कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए लगभग 6% का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ मुद्रास्फीति को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लक्ष्य तक वापस लाने और बजट और चालू खाता घाटे को कम करने के लिए बेहतर है.
आपको बता दें कि 2022 की शुरुआत के बाद से जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) आरबीआई के 2-6% लक्ष्य लक्ष्य से ऊपर रहा है. केंद्रीय बैंक 2024 तक इसे 4% तक करने की कोशिश में है. वहीं, Goldman Sachs के शांतनु सेनगुप्ता के मुताबिक, भारत के लिए धीमी जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth Slowdown ) अच्छी रहेगी.
उन्होंने कहा, उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष में जीडीपी विकास दर मार्च में समाप्त होने वाले वर्ष में लगभग 7.1% से घटकर 6% हो जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने बजट और चालू खाता अंतराल का जिक्र करते हुए कहा कि इससे दोहरे घाटे की समस्या अधिक प्रबंधनीय हो जाएगी.