योजना आयोग ने कहा है कि सोने और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का वृहद आर्थिक मानकों विशेषकर चालू खाते के घाटे पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा।
चालू खाते का घाटा 31 दिसंबर, 2012 को समाप्त तिमाही में बढ़कर 6.7 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा, इससे निश्चित तौर पर अर्थव्यवस्था को संतुलित करने की कवायद आसान होगी।
सोने की कीमत लगातार गिरावट के बाद 21 महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। तीन कारोबारी सत्र में सोने की कीमतों में 3,160 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट दर्ज की गई। इसी तरह, एशिया में कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई, जो 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया।