भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को कम कर 4.8 प्रतिशत करते हुए वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने गुरुवार को कहा कि 2014 के आम चुनावों के बाद अगर पूर्ण बहुमत वाली सरकार गठित नहीं होती है या सुधारों को आगे बढ़ाने में सरकार विफल रहती है तो सरकारी रेटिंग पर दबाव पड़ेगा।
स्टैंडर्ड एंड पूअर्स के साख विश्लेषक टेरी चान ने कहा, 'अगर खंडित जनादेश मिलता है या सरकार सुधारों को आगे बढ़ाने में नाकाम रहती है तो निश्चित रूप से इसके कारण रेटिंग पर दबाव पड़ेगा।' लोकसभा चुनाव 2014 के मध्य में होने में है।
एजेंसी ने देश के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के अनुमान घटाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया है। हालांकि उसका कहना है कि हाल के समय में आर्थिक सुधारों की दिशा में जो कदम उठाये गये हैं, उसका जल्दी ही सकारात्मक परिणाम होगा और वृद्धि छह प्रतिशत होगी। हालांकि उसने इसके लिये कोई समयसीमा नहीं दिया।
एसएंडपी ने कहा, 'कमजोर निवेश परिदृश्य के कारण चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर अनुमान को घटाकर 4.8 प्रतिशत किया गया है।'
हालांकि एजेंसी ने कहा कि अगर खंडित जनादेश वाली वाली सरकार आती है, मानसून अनुकूल नहीं रहता है तथा औद्योगिक उत्पादन कम होता है तो अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 4.7 प्रतिशत तक जा सकती है।
सरकार ने वित्त वर्ष 2013-14 में आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान जताया है।