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UPI लेनदेन से पकड़ी गई 60,000 व्यापारियों की टैक्स चोरी, राज्य GST ने भेजे नोटिस

जांच में Google Pay, Paytm और BHIM जैसे UPI प्लेटफॉर्म पर बड़े लेनदेन का पता चला, जिसमें कई कारोबारों का सालाना टर्नओवर एक करोड़ रुपये से भी ज्यादा था.
NDTV Profit हिंदीशुभम तिवारी
NDTV Profit हिंदी06:56 PM IST, 18 Jul 2025NDTV Profit हिंदी
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देश के 6-7 राज्यों के GST विभागों ने करीब 60,000 गैर-पंजीकृत कारोबारियों को नोटिस भेजे हैं, जो तय टर्नओवर सीमा पार करने के बावजूद टैक्स सिस्टम से बाहर चल रहे हैं. कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में इन कारोबारों से लाखों रुपये के टैक्स की मांग की गई है.

कौन हैं निशाने पर?

जांच का फोकस B2C सेगमेंट के कारोबारों पर है, जैसे आइसक्रीम पार्लर, सैलून, छोटी खाने की दुकानें, ऑटोमोबाइल पार्ट्स विक्रेता और इवेंट मैनेजमेंट कंपनियां. ये कारोबारी अक्सर  सेमी-फॉर्मल तरीके से काम करते हैं, लेकिन इनकी कमाई GST रजिस्ट्रेशन की सीमा (माल के लिए 40 लाख रुपये और सेवाओं के लिए 20 लाख रुपये) से ज्यादा पाई गई. जांच में Google Pay, Paytm और BHIM जैसे UPI प्लेटफॉर्म पर बड़े लेनदेन का पता चला, जिसमें कई कारोबारों का सालाना टर्नओवर एक करोड़ रुपये से भी ज्यादा था.

कैसे पकड़े गए?

अधिकारियों ने डिजिटल पेमेंट रिकॉर्ड, इनकम टैक्स फाइलिंग और बाकी फाइनेंशियल डिस्कोजर्स का विश्लेषण किया. वास्तविक आय और घोषित आय में अंतर ने हजारों संभावित टैक्स चोरों का पर्दाफाश कर दिया.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि "UPI से एक करोड़ से ज्यादा की रसीद दिखाने वाला कारोबार अगर GST रजिस्ट्रेशन नहीं कराता या NIL रिटर्न फाइल करता है, तो ये साफ तौर पर जांच का मामला है."

GST नियम और परिणाम  

GST एक्ट के तहत, टर्नओवर सीमा से ज्यादा कमाई वाले कारोबारों को रजिस्ट्रेशन और टैक्स देना अनिवार्य है. नियम तोड़ने पर बकाया टैक्स, जुर्माना, इंट्रेस्ट और गंभीर मामलों में कानूनी कार्रवाई हो सकती है. नोटिस पाने वाले कारोबारियों को अब कम टर्नओवर का सबूत देना होगा या तुरंत GST रजिस्ट्रेशन कराना होगा, वरना ऑडिट और टैक्स वसूली का सामना करना पड़ सकता है.

कर्नाटक में विरोध

कर्नाटक के छोटे व्यापारियों ने इस कार्रवाई का विरोध किया है और 25 जुलाई को राज्यव्यापी बंद की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि सख्ती से छोटे कारोबारियों पर अनुचित दबाव पड़ रहा है, खासकर जो अनौपचारिक सेक्टर में काम करते हैं.

क्या है इसका मतलब?

2017 में GST लागू होने के बावजूद, लाखों कारोबारी, खासकर नकदी आधारित सेक्टर में टैक्स सिस्टम से बाहर हैं. डिजिटल पेमेंट की बढ़ती लोकप्रियता ने ऐसे कारोबारियों को पकड़ना आसान बना दिया है. ये कार्रवाई सरकार की टैक्स के नियमों का पालन कराने की कोशिश का हिस्सा है, लेकिन छोटे व्यापारियों के विरोध से तनाव बढ़ सकता है. कारोबारियों को सलाह दी जा रही है कि वे GST नियमों का पालन करें और समय पर रजिस्ट्रेशन कराएं.

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