सत्ताधारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन में राजनीतिक अनिश्चितता का नया दौर शुरू होने से निवेशकों की घबराहटपूर्ण बिकवाली से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 120 अंक नीचे आ गया। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ऋण पुनर्गठन नियमों को भी कड़ा बनाने की तैयारी कर रहा है, जिससे बाजार की धारणा प्रभावित हुई।
इससे पिछले तीन सत्रों में सेंसेक्स 176 अंक मजबूत हुआ था। बैंकों, पूंजीगत सामान तथा रीयल्टी कंपनियों के शेयरों में गिरावट से 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 120.41 अंक या 0.70 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,158.44 अंक पर आ गया।
ब्रोकरों ने कहा कि इन खबरों की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है, निवेशकों ने सतर्कता का रुख अपना लिया। वहीं दूसरी ओर निवेशक राष्ट्रपति चुनाव के बाद आर्थिक सुधारों की रफ्तार तेज होने की उम्मीद कर रहे हैं।
कोटक सिक्योरिटीज के पीजीसी शोध प्रमुख दीपेन शाह ने कहा, ‘हम जोर देकर कह रहे हैं कि बाजार को गति देने के लिए आर्थिक सुधार बेहद जरूरी हैं।’
ब्रोकरों ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने अपनी वेबसाइट पर कार्यसमूह की एक रिपोर्ट डाली है जिसके अनुसार बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा दिए गए ऋण के पुनर्गठन के नियमों की समीक्षा की जाएगी।
आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी तथा भारतीय स्टेट बैंक सहित बैंकों के शेयरों में गिरावट आई।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में डॉ. रेड्डीज, भेल, स्टरलाइट और हीरो मोटोकार्प सहित 24 में गिरावट आई, वहीं बजाज ऑटो तथा टीसीएस सहित छह शेयर लाभ के साथ बंद हुए।