विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा बहुत हद तक मल्टी-ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर संसद में आगामी घटनाक्रमों से तय होगी।
संसद में यह मुद्दा अगले सप्ताह भी छाया रहेगा और इस पर लोकसभा और राज्यसभा में शक्ति परीक्षण देखने को मिल सकता है। राज्यसभा में इस मुद्दे पर 6 और 7 दिसंबर को बहस उस नियम के तहत होगी, जिसमें मतदान का प्रावधान है। इससे पहले लोकसभा में इस पर 4 और 5 दिसंबर को बहस होगी।
बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 833.33 अंक चढ़ा और यह 19 माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बाजार में मुनाफावसूली का दौर देखने को मिल सकता है।
जियोजित बीएनपी परिबा फाइनेंशल सर्विसेज के एलेक्स मैथ्यू ने कहा, भारतीय बाजार के लिए इस सप्ताह संसद की कार्यसूची में मल्टी-ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर मतदान एक बड़े बाजार उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा। विशेषज्ञों ने कहा कि इसके अलावा ऑटो और सीमेंट कंपनियों के शेयरों पर निवेशकों की निगाह होगी, क्योंकि इन दोनों क्षेत्रों की कंपनियां अपना मासिक बिक्री आंकड़ा पेश करेंगी।
कोटक सिक्योरिटीज के प्राइवेट क्लाइंट ग्रुप रिसर्च के प्रमुख दीपेन शाह ने कहा, अगर सरकार खस्ताहाल आधारभूत ढांचे, पूंजीगत सामान, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक जैसे क्षेत्रों में कुछ सुधार उपायों को आगे बढ़ाने में कामयाब रहती है, तो बाजार में आगे और तेजी आएगी। विशेषज्ञों ने कहा कि शेयर बाजार में तेजड़िया रुख का कारण घरेलू शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से मजबूत धन प्रवाह भी है। यह निवेश इस वर्ष अभी तक एक लाख करोड़ रुपये के स्तर को लांघ गया है।