सुप्रीम कोर्ट ने गुडगांव के सहारा ग्रेस सोसाइटी के मामले में सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन को आठ हफ्तों में रजिस्ट्री में 3.5 करोड़ रुपये जमा करवाने के आदेश दिए हैं.
NCDCR के फैसले को सहारा ने चुनौती दी है जिसने फ्लैटों को देरी से देने के लिए सोसाइटी के 30 निवासियों को 3.3 करोड़ रुपये मुआवजा देने के लिए कहा था.
इन लोगों को 2008 में ही फ्लैट मिल चुके हैं और वे यहां रह भी रहे हैं. इन लोगों को शर्त दी गई थी कि फ्लैट तय वक्त पर नहीं मिलता तो दस रुपये प्रति स्कवॉयर फुट मुआवजा देना होगा.