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Adani-Hindenburg Case: 'किसी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ' पढ़िए सुप्रीम कोर्ट कमिटी रिपोर्ट की बड़ी बातें

Adani-Hindenburg Case: अदाणी हिंडनबर्ग मामले पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में किसी भी रेगुलेटरी विफलता को मानने से इनकार किया है. एक्सपर्ट कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में ये साफ कहा है कि 'शेयरों के उतार चढ़ाव में रेगुलेटरी विफलता (Regulatory Failure) को जिम्मेदार मानना फिलहाल संभव नहीं है'
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NDTV Profit हिंदी10:21 PM IST, 19 May 2023NDTV Profit हिंदी
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Adani-Hindenburg Case: अदाणी हिंडनबर्ग मामले पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में किसी भी रेगुलेटरी विफलता को मानने से इनकार किया है. एक्सपर्ट कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में ये साफ कहा है कि 'शेयरों के उतार चढ़ाव में रेगुलेटरी विफलता (Regulatory Failure) को जिम्मेदार मानना फिलहाल संभव नहीं है'

कमिटी ने अदाणी ग्रुप की ओर से डिस्क्लोजर पर भी कोई सवाल नहीं उठाया है. सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमिटी ने क्या खास बातें कही हैं अपनी रिपोर्ट में, एक नजर-

शेयर प्राइस में हेरफेर के सबूत नहीं
कमिटी ने कहा कि ये नतीजा निकालना संभव नहीं था कि क्या अदाणी के शेयर प्राइस में छेड़छाड़ के संबंध में कोई नियामकीय विफलता (regulatory failure) हुई है. शेयरों की कीमतों में किसी तरह की छेड़छाड़ की गई है, इसको लेकर भी कोई सबूत नहीं हैं. हमारा काम ये जांचना नहीं कि कीमतों में आई तेजी उचित थी या नहीं, कमिटी का काम ये पता लगाना था कि क्या कोई नियामकीय विफलता थी.

मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियमों का उल्लंघन नहीं
SC कमिटी की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि जांच में मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग मामले में उल्लंघन के सबूत नहीं मिले हैं. कमिटी ने साफ तौर पर कहा है कि रेगुलेटर्स अपने संदेह को उल्लंघन का आरोप साबित करने में नाकाम रहे हैं, जिससे केस चलाने के लिए एक ठोस मामले में बदला जा सके.

रिटेल निवेशकों के लिए अदाणी ग्रुप ने कई कदम उठाए
एक्सपर्ट कमिटी ने कहा कि अदाणी ग्रुप के शेयरों में रिटेल निवेश 24 जनवरी के बाद कई गुना बढ़ गया है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अदाणी ग्रुप की ओर से उठाए गए कदमों से विश्वास पैदा करने में मदद मिली और शेयर अब स्थिर हैं. रिपोर्ट में ये साफ किया गया है कि पार्टियों ने शपथ पर पुष्टि की है कि FPIs निवेश को अदाणी ग्रुप ने फंड नहीं किया है.

शॉर्ट सेलिंग की जांच होनी चाहिए
रेगुलेटर ने कहा है कि अदाणी ग्रुप के शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव को स्टॉक एक्सचेंजों ने चार बार देखा है. इनमें से दो हिंडनबर्ग रिपोर्ट से पहले के थे और दो रिपोर्ट छपने के बाद के हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अदाणी के शेयरों में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव देखने को मिला था. सेबी ने पाया कि कुछ संस्थाओं ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के जारी होने से पहले शॉर्ट पोजीशन ली थी, रिपोर्ट पब्लिक होने के बाद इन्होंने अपनी पोजीशन हल्की के करके मुनाफा कमाया. एक्सपर्ट कमिटी ने इस शॉर्ट सेलिंग की जांच को जरूरी बताया है.

बाजार पर ज्यादा असर नहीं
कमिटी ने कहा कि अदाणी ग्रुप से जुड़े इवेंट्स का असर ओवरऑल बाजार पर कम था, क्योंकि इसका इंडेक्स वेटेज सेंसेक्स 30 में जीरो है और निफ्टी 50 में करीब 2% है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार में अस्थिरता अंतर्निहित दोष नहीं है. अदाणी ग्रुप की ओर से कर्जों को कम करने के लिए और नए निवेश जैसे उपायों से शेयरों में विश्वास पैदा हुआ है.

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