रेल यात्रा सोमवार से महंगी हो गई। रेलवे बजट में आरक्षण शुल्क तथा सुपरफास्ट शुल्क में वृद्धि को जो प्रस्ताव किया गया है वह सोमवार यानी 1 अप्रैल से लागू हो गया है।
यात्री किरायों में बढ़ोतरी के अलावा सोमवार से सभी जिंसों के लिए माल ढुलाई भी करीब 5.7 फीसद बढ़ने जा रही है। रेलवे को 2013-14 में यात्री किराये से 42,210 करोड़ रुपये तथा माल ढुलाई से 93,554 करोड़ रुपये की आमदनी की उम्मीद है।
हालांकि, रेल बजट में मूल किराए में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, लेकिन इसमें आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट तथा तत्काल शुल्कों में वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है। टिकट रद्द कराने तथा लिपिकीय शुल्क में भी बढ़ोतरी की गई है।
नकदी संकट से जूझ रही रेलवे को टिकटों पर सेवा शुल्क में वृद्धि से सालाना 880 करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद है। वहीं, माल ढुलाई में संशोधन से रेलवे को 4,200 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।
रेलवे की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार द्वितीय श्रेणी तथा शयनयान श्रेणी में आरक्षण शुल्क में बदलाव नहीं किया गया है, एसी श्रेणी में इसमें 15 से 25 रुपये की वृद्धि की गई है। शयनयान तथा द्वितीय श्रेणी में सुपरफास्ट शुल्क में 10 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
देश में 11,000 रेलगाड़ियों से प्रतिदिन दो करोड़ से ज्यादा लोग यात्रा करते हैं।
द्वितीय श्रेणी में तत्काल शुल्क में मूल किराये पर 10 फीसद की बढ़ोतरी की गई है, वहीं सभी एसी की सभी श्रेणियों में तत्काल शुल्क में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
कन्फर्म टिकट को रद्द करवाने का शुल्क 10 रुपये बढ़ाकर 50 कर दिया गया है। वहीं वेटिंग लिस्ट तथा आरएसी टिकटों के लिए टिकट रद्द कराने का लिपिकीय शुल्क शयनयान वर्ग में 5 रुपये बढ़ाया गया है। एसी श्रेणी में इसमें 10 रुपये की वृद्धि की गई है।