सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 1,250 करोड़ रुपये का भारी भरकम नुकसान हुआ है. गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के एवज में बड़ी राशि का प्रावधान करने से बैंक को यह नुकसान हुआ. इससे पिछले साल इसी तिमाही में बैंक को 104 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी बैंक को 1,531 करोड़ रुपये का भारी घाटा हुआ था.
बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी राजकिरण राय ने कहा कि आलोच्य तिमाही के दौरान उसका समग्र एनपीए पिछले साल इसी अवधि के 11.70 प्रतिशत से बढ़कर 13.03 प्रतिशत पर तथा शुद्ध एनपीए 6.95 प्रतिशत से बढ़कर 6.96 प्रतिशत हो गया. यही वजह है कि बैंक को आलोच्य तिमाही के दौरान एनपीए के लिए पिछले साल के 1,582 करोड़ रुपये के मुकाबले 2,521 करोड़ रुपये का प्रावधान करना पड़ा. बैंक के मुनाफे में बड़ी गिरावट की मुख्य वजह यही रहा.
इस बीच इंडियन बैंक ने विदेशी मुद्रा प्रवासी सावधि जमा पर ब्याज दरें तत्काल प्रभाव से संशोधित कर दी हैं. बैंक ने प्रवासी डालर जमा पर ब्याज को एक साल से अधिक लेकिन दो साल से कम अवधि के लिये मौजूदा 2.89 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.09 प्रतिशत कर दिया है. इसी प्रकार दो साल से अधिक लेकिन तीन साल से कम अवधि के लिये ब्याज 3.08 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.31 प्रतिशत किया गया है.
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तीन साल से अधिक लेकिन चार साल से कम के लिये 3.22 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.49 प्रतिशत और चार साल से अधिक लेकिन पांच साल से कम के लिये मौजूदा 3.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.56 प्रतिशत किया गया है. पांच साल की जमा पर अब 3.29 प्रतिशत के स्थान पर 3.62 प्रतिशत ब्याज देय होगा.