दूसरा घर खरीदकर टैक्स में छूट का लाभ लेने वालों को सरकार ने तगड़ा झटका दिया है. केंद्र सरकार ने साफ किया है कि दूसरा घर खरीदने वालों को होम लोन के ब्याज में सालाना दो लाख रुपए तक की टैक्स छूट का ही फायदा मिलेगा. सरकार इससे ज्यादा छूट देने के पक्ष में बिल्कुल नहीं है. शनिवार को राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने स्पष्ट करते हुए कहा कि जिन लोगों के पास अतिरिक्त धन है, उनके द्वारा दूसरा घर खरीदे जाने पर टैक्स छूट दिए जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने यह भी कहा कि दूसरे घर के लिए होम लोन पर टैक्स छूट का गलत फायदा उठाया जा रहा है.
संसाधनों के सीमित होने का हवाला देते हुए अधिया ने कहा कि जरूरी यह है कि पहली बार खरीदने वालों को टैक्स छूट में प्राथमिकता पर रखा जाए. इसकी बजाय उन लोगों को छूट देना सही नहीं है, जो अपने घर में रहते हैं और दूसरी प्रॉपर्टी खरीदकर उससे कमाई कर रहे हैं. इससे पहले शुक्रवार को खबर थी कि वित्त विधेयक, 2017 में पेश किए गए इस प्रस्ताव को सरकार वापस ले सकती है. लेकिन शनिवार आते-आते यह स्थिति साफ हो गई.
मौजूदा नियमों के अनुसार, मकान मालिक किराए पर दी गई प्रॉपर्टी के ब्याज पर पूरी छूट का दावा कर सकता था, जबकि अपने मकान में खुद रहने वाले 2 लाख रुपये तक ही क्लेम करने का हकदार होते थे. लेकिन वित्त मंत्री ने हालिया बजट में जो प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, उसके बाद अब मकान किराए पर दिए जाने पर भी 2 लाख रुपये तक की ही छूट का दावा किया जा सकेगा. यानी, जिसने लोन लेकर मकान बनाया, वह अब हर हाल में (चाहे वह मकान को किराए पर दे दे या उसमें खुद रहे) 2 लाख रु. तक की छूट के लाभ का दावा कर सकेगा, इससे ज्यादा नहीं.
उदाहरण के लिए, किसी खास वर्ष में दूसरी प्रॉपर्टी पर ईएमआई पर लगने वाला सालाना ब्याज 5 लाख रुपये है. मान लें कोई मकान मालिक 1.5 लाख रुपये की आय साल भर में उस प्रॉपर्टी से लाभ कमाता है. ऐसे क्रेता, पहले के नियम के मुताबिक, कुल 3.5 लाख तक की आय को समायोजित कर सकते थे लेकिन अब अगले वित्त वर्ष से वे केवल 2 लाख रुपये की छूट ही उठा सकेंगे. शेष 1.5 लाख को 8 साल तक कैरी फॉरवर्ड किया जा सकेगा.