अमेरिकी विशेषज्ञों व कॉरपोरेट जगत के लोगों ने भारत की मोदी सरकार के पहले बजट का स्वागत किया है और कहा है कि यह सही दिशा में है तथा इससे रोजगार एवं आर्थिक वृद्धि में तेजी आएगी।
भारतीय अर्थ नीतियों पर निगाह रखने वाले इंडिया फर्स्ट ग्रुप के रोन सोमर्स ने वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा गुरुवार को पेश बजट को मोदी सरकार का पहला शानदार बजट बताते हुए कहा कि यह संतुलित, नपा-तुला और सूझबूझ वाला बजट है। सोमर्स ने कहा, इससे अमेरिकी निवेशक भारत में हो रहे सकारात्मक बदलाव से फिर से उत्साहित हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि नई सरकार ने बीमा और रक्षा क्षेत्र में विदेशी हिस्सेदारी सीमा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत तक ले जाने की अनुमति दी है। सोमर्स ने कहा कि रक्षा क्षेत्र को खोलने से ही प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण में सुविधा होगी।
सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के रिक रोसो ने कहा कि सरकार को इस अवसर का फायदा उठाकर रक्षा क्षेत्र में विदेशी भागीदारी को और ऊपर करना चाहिए था तथा आयकर अधिनियम में 2012 में किए गए उस संशोधन को रद्द करना चाहिए था, जो पिछली तारीख से प्रभावी बनाया गया है। लेकिन उन्होंने कहा कि इस बजट से निश्चित रूप से कुछ सुखद आश्चर्य मिले हैं, जिसमें विदेशी निवेश की शर्तों में दी गई ढील शामिल है।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि इससे आने वाले वर्षों में भारत की विकास योजनाओं में अमेरिकी निवेश के लिए राह और चौड़ी हुई है। यूएस-इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष करण ऋषि ने कहा, यह बजट रोजगार सृजन एवं वृद्धि दर में तेजी लाने की दिशा में उठाया गया सही कदम है।