वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रिजर्व बैंक के साथ किसी भी तरह के मतभेद से साफ इनकार किया। उन्होंने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और आरबीआई के बीच असहमति की खबरों पर चुटकी लेते हुए कहा कि यह ‘‘साजिश की परिकल्पना करने के हमारे राष्ट्रीय प्रेम’’ का नतीजा है।
जेटली ने कहा कि उनके रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के साथ अच्छे पेशेवर संबंध है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भारत में आम तौर पर लोग साजिश की परिकल्पना करना पसंद करते हैं।’’ इंडियन एक्सप्रेस अखबार के पूर्व संपादक शेखर गुप्ता और टेलीविजन पत्रकार बरखा दत्त के मीडिया स्टार्ट-अप ‘द प्रिंट’ के उद्घाटन के मौके पर मंत्री ने कल शाम कहा, ‘‘मुझे लगता है कि चाहे नार्थ ब्लॉक (वित्त मंत्रालय) हो या मिंट रोड (आरबीआई), ये जिम्मेदार संस्थान हैं। बहुत से लोग हैं जो शांत रहकर अपना काम करते हैं क्योंकि उनकी प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं।’’
जेटली ने हालांकि, इस सवाल को टाल दिया कि राजन को तीन सितंबर का कार्यकाल पूरा होने पर आरबीआई प्रमुख के तौर पर दूसरा मौका मिलेगा या नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।’’
बजट की तैयारी और मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बनाने को लेकर चल रही चर्चा के बीच कई ऐसी खबरें आईं कि वित्त मंत्रालय नीतिगत दर तय करने के मामले में रिजर्व बैंक गवर्नर से वीटो अधिकार वापस लेकर उनके पर कतरना चाहता है। लेकिन जब एमपीसी गठन को अंतिम रूप दिया गया तो सब साफ हो गया कि छह सदस्यीय एमपीसी में सरकार और रिजर्व बैंक का समान प्रतिनिधित्व होगा और गवर्नर के पास वीटो अधिकार बरकरार है।
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