पेप्सिको की भारतीय मूल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) इंद्रा नूयी तीन अक्तूबर को अपना पद छोड़ेंगी. वह पिछले 12 साल से अमेरिका की इस प्रमुख फूड और बेवरेज कंपनी की अगुवाई कर रही हैं. कंपनी ने सोमवार को यह घोषणा की. 62 वर्षीय नूयी 3 अक्तूबर को कंपनी के सीईओ का पद छोड़ेंगी. वह पिछले 24 साल से इस कंपनी से जुड़ी हैं. हालांकि वह 2019 की शुरुआत तक कंपनी की चेयरमैन रहेंगी. कंपनी के अध्यक्ष रामोन लागुआर्ता को निदेशक मंडल ने नूयी का उत्तराधिकारी चुना है. लागुआर्ता को कंपनी के निदेशक मंडल में भी शामिल किया गया है. नूयी ने बयान में कहा, ‘‘मैं भारत में पली बढ़ी हूं. मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि मुझे ऐसी असाधारण कंपनी की अगुवाई करने का मौका मिलेगा.’’ नूयी ने कहा कि कंपनी काफी मजबूत स्थिति में है और आगे उसके काफी बेहतर दिन आएंगे. पिछले 22 साल से कंपनी से जुड़े लागुआर्ता सितंबर से अध्यक्ष पद पर हैं. वह वैश्विक परिचालन, कॉरपोरेट रणनीति, सार्वजनिक नीति तथा सरकारी मामलों से संबंधित कामकाज देख रहे हैं. इससे पहले लागुआर्ता यूरोप ओर उप सहारा अफ्रीका खंडों की अगुवाई कर चुके हैं. कंपनी ने कहा कि नूयी के जाने के बाद पेप्सिको की नेतृत्व वाली शेष टीम में कोई बदलाव नहीं होगा. सीएनबीसी की खबर के अनुसार नूयी के संदर्भ में घोषणा के बाद कंपनी के शेयर मूल्य में मामूली गिरावट आई.
जानें इंद्रा नूयी के बारे में 7 बातें
1- इंद्रा नूयी के चलते 12 साल के कार्यकाल में पेप्सिको की आय में 80% से अधिक इजाफा हुआ. उन्होंने कंपनी के पोर्टफोलियों में हर साल एक अरब डॉलर का नया ब्रांड खड़ा किया. नूयी ने कंपनी के भविष्य के लिए निवेश किया. उनके कार्यकाल में शोध पर कंपनी का खर्च बहुत अधिक रहा. उन्होंने समाज और पर्यावरण पर अच्छा प्रभाव छोड़ने वाले उत्पादों को जोड़ने पर ध्यान दिया और कंपनी के भविष्य को संवारने के लिए सतत दीर्घकालिक वृद्धि को तय करना अपना लक्ष्य बनाया.
2- इंद्रा कृष्णमूर्ति नूयी का जन्म जन्म 28 अक्टूबर 1955 को तमिलनाडु के मद्रास में हुआ. वह अभी न्यूयॉर्क में रहती हैं और उनके पास संयुक्त राज्य अमेरिका की नागरिकता है. उनकी प्रारंभिक शिक्षा होली एन्जिल्स एंग्लो इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल मद्रास मेन हुई. तत्पश्चात उन्होंने 1974 में मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और भारतीय प्रबंध संस्थान, कोलकाता से 1976 में प्रबंधन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. इसके बाद अमेरिका स्थित येल यूनिवर्सिटी से पब्लिक और प्राइवेट मैनेजमेंट की पढ़ाई की. इस दौरान उन्हें अमेरिका से कुछ खास लगाव हो गया और उन्होंने येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद बोस्टन कंसल्टेशन फार्म ज्वाइन कर ली और टेक्सटाइल व कंज्यूमर गुड्स इंडस्ट्री में मुवक्किलों की सेवा करने लगीं.
3- इंद्रा कृष्णमूर्ति की शादी राज कुमार नूयी से हुई. उनकी दो बेटियां है, जो ग्रीनविच कनेक्टिकट में रहती हैं. उनकी बेटियों में से एक वर्तमान में येल में प्रबंधन स्कूल में पढ़ रही हैं. उनकी बड़ी बहन चंद्रिका कृष्णमूर्ति टंडन एक प्रसिद्ध गायिका है.
4- वर्ष 1986-90 के बीच उन्होंने मोटोरोला कंपनी में कॉरपोरेट स्ट्रैटजी के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया और कंपनी के ऑटोमोटिव और इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स के विकास का मार्गदर्शन किया. नूयी पेप्सिको की दीर्धकालिक ग्रोथ स्ट्रैटजी की शिल्पकार मानी जाती हैं. नूयी 1994 में पेप्सिको में शामिल हुई और 2001 में अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनीं. उन्होने एक दशक से अधिक समय तक कंपनी की वैश्विक रणनीति का निर्देशन और पेप्सीको के पुनर्गठन का नेतृत्व किया है.
5- 2008 में पेप्सीको की CEO के रूप में, इंद्रा नूयी ने 1,49,17,701 डॉलर की कुल आय थी, जिसमें 13,00,000 डॉलार का मूल वेतन था, 26,00,000 डॉलर नकद बोनस, 64,28,538 डॉलर के शेयर और 43,82,569 डॉलार के विकल्प शामिल थे. 2009 फोर्ब्स सर्वेक्षण के अनुसार इंद्रा नूयी को दुनिया में तीसरी सबसे ताकतवर महिला का नाम दिया गया. उनका सालाना वेतन 5 करोड़ 74 लाख रुपये हैं.
6- वर्ष 2011 से नूयी एक कंपनी चला रही हैं और 200 से अधिक देशों में इसके उपभोक्ता हैं. फिलहाल नूयी कई बोर्डों की सदस्य भी हैं जिसमें यूएस-चीन बिजनेस काउंसिल, यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल, कंज्यूमर गुड्स फोरम आदि शामिल है. भारतीय मूल की वे इससे पहले पेप्सिको की मुख्य वित्तीय सलाहकार थीं.
7- इंद्रा नूयी अमेरिका की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी की महिला प्रमुख हैं. इंदिरा भारतीय मूल की हैं और उन्हें फ़ोर्ब्स की ओर जारी 30 सबसे प्रभावशाली महिलाओं की सूची में शामिल किया गया है. 2007 में उन्हें भारत सरकार द्वारा उद्योग एवं व्यापार के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. 2008 में वह कला और विज्ञान के अमेरिकन अकादमी की फैलोशिप के लिए चुनी गई थी. वर्ष 2012 में अमेरिका में मंदी के दौर से निपटने और आर्थिक रणनीति तय करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इंद्रा नूयी सहित भारतीय मूल के दो अन्य लोग को चर्चा के लिए आमंत्रित किया था.