फ्लिपकार्ट, आमेजन और स्नैपडील जैसी ई-रिटेल कंपनियों को अब ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए आकर्षक छूट देने में मुश्किल हो सकती है। ऑनलाइन खुदरा बिक्री मंच (मार्केटप्लेसेस) पर जारी नए दिशानिर्देश में ऐसी कंपनियों पर वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतों को प्रभावित करने से रोक लगायी गई है।
सरकार ने ई-कॉमर्स खुदरा क्षेत्र में ऑनलाइन बिक्री मंच के मामले में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी दे दी। दिशानिर्देश में कहा गया है कि ऐसी इकाइयां वस्तुओं एवं सेवाओं के बिक्री मूल्य को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रभावित नहीं करेंगी और सबके लिए सामान अवसर बनाए रखेंगी।
एक अधिकारी ने कहा, 'छूट केवल वस्तुओं या सेवाओं के मालिक द्वारा दी जा सकती है।' ओद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के संयुक्त सचिव अतुल चतुर्वेदी ने ट्विटर पर लिखा है, 'ई-कॉमर्स दिशानिर्देश खुदरा बिक्री मंच पर रजिस्टर्ड माल रखने वालों यानी बिक्रेताओं को छूट देते हुए कीमत निर्धारण की इजाजत देता है।' उन्होंने कहा कि दिशानिर्देश ऐसे बाजारों तथा भौतिक रूप से उपलब्ध दुकानों के बीच संतुलन बनाता है।
चतुर्वेदी ने कहा, 'यह बाजार खराब करने वाली कीमत को समाप्त करेगी और समान अवसर उपलब्ध कराएगा।' उन्होंने कहा कि ये नियम एसएमई के लिए फायदेमंद है, क्योंकि वे बिना भौतिक रूप से अपनी दुकानें खोले माल बेच सकते हैं और रोजगार सृजित कर सकते हैं।
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