केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि कंपनियों में महिला निदेशकों की मौजूदगी पिछले 10 साल में तीन गुना से अधिक हो गई है, जबकि तमिलनाडु में ये संख्या 4 गुना से अधिक हो गई है.
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहीं सीतारमण ने FICCI-FLO की चेन्नई यूनिट के एक कार्यक्रम में ये बात कही.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगस्त, 2024 में 8.83 लाख महिला डायरेक्टर्स, सक्रिय रूप से काम कर रही कंपनियों से जुड़ी थीं. ये संख्या वर्ष 2014 के 2.58 लाख महिला निदेशकों के मुकाबले 3.4 गुना अधिक है.
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में 2014 में 15,550 महिलाएं कंपनियों के 'बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स' में शामिल थीं. अगस्त 2024 में ये संख्या 4.3 गुना होकर 68,000 हो गई.
रिसर्च फर्म डेलॉइट की एक स्टडी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि निफ्टी 50 कंपनियों के बोर्ड में महिला निदेशकों की मौजूदगी भी 2019 में 18% से बढ़कर मौजूदा समय में 22% हो गई है.
उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े रिसर्च संगठन CSIR, जिसकी स्थापना 81 साल पहले 1942 में हुई थी, उस संस्थान को 2022 में डॉ एन कलाइसेलवी के रूप में पहली महिला महानिदेशक (DG) मिलीं.
वित्त मंत्री ने कहा कि आज महिलाएं कॉरपोरेट जगत में तेजी से आगे बढ़ रही हैं. स्टार्टअप और फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी सेक्टर में वे आगे हैं. देश में 111 यूनिकॉर्न में से करीब 18% का नेतृत्व महिलाएं ही कर रही हैं. करीब 40 मिनट के अपने संबोधन के दौरान सीतारमण ने कई विषयों पर बात की.
डिफेंस और नेशनल सिक्योरिटी में महिलाओं की भागीदारी पर उन्होंने कहा कि उन्हें तीनों बलों (Indian Army, Indian Navy, Indian Air Force) की लड़ाकू सेवाओं (Combat Services) में अनुमति दी गई है. नौसेना में विभिन्न संवर्गों में महिलाओं का प्रवेश जून 2023 से शुरू हो जाएगा.
उन्होंने कहा, 'भारतीय वायुसेना में अधिकारियों की भर्ती अब जेंडर-न्यूट्रल है. महिला अधिकारियों को IAF की सभी ब्रांचेस और स्ट्रीम्स में शामिल किया गया है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित कर रही है. बजट में महिला सशक्तीकरण से जुड़ी योजनाओं के लिए आवंटित राशि से भी ये साबित होता है.
बजट आवंटन पर उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2013-14 के बजट में केंद्र ने महिलाओं के कल्याण और सशक्तीकरण की योजनाओं पर 97,134 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में ये 3 गुना होकर 3.10 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है.