हेल्थ इंश्योरेंस के जरिये अब लोगों को आयुर्वेद चिकित्सा का भी लाभ मिलेगा. आयुष बीमा कराने वाले लोग, देश के सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में पंचकर्म से लेकर नैचुरोपैथी तक का लाभ ले सकेंगे.
इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDA ने इसी साल 31 जनवरी को हेल्थ इंश्योरेंस में आयुष चिकित्सा को भी शामिल करने का आदेश दिया था. ये आदेश 1 अप्रैल से लागू हुआ है.
अब इसे व्यवहार में लाने के लिए केंद्र सरकार ने 27 मई, सोमवार को एक बेहद जरूरी मीटिंग बुलाई है. ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा (AIIA) में होने वाली इस मीटिंग में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा (पद्मश्री) शामिल होंगे.
आयुष मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में होने वाली इस मीटिंग में IRDA, जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (GIC), नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA), इंडियन इंश्योरेंस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (IIIB) के अधिकारी भी शामिल होंगे. इनके अलावा आयुष अस्पतालों के मालिक और इंश्योरेंस कंपनियों के CEOs भी शामिल होंगे.
आयुष मंत्रालय के अनुसार, हेल्थ इंश्योरेंस के लिए आयुष चिकित्सा को भी अन्य उपचारों के बराबर रखा जाएगा. पॉलिसी होल्डर्स को अपनी पसंद का उपचार चुनने का विकल्प दिया जाएगा. बहुत सारी बीमारियों में आयुर्वेद कारगर साबित हुआ है और बहुत से लोगों को आयुर्वेद सूट करता है. ऐसे लोग आयुष बीमा का विकल्प चुन पाएंगे.
AIIA के PRO सिद्धार्थ झा ने बताया कि अब अस्पतालों की सूची तैयार की जानी है, जिसमें सरकारी के अलावा प्राइवेट अस्पताल भी शामिल होंगे. सरकार ने इसके लिए एक प्लेटफॉर्म तैयार किया है.
उन्होंने बताया, 'इस सेंसटाइजेशन प्रोग्राम का उद्देश्य न केवल जनता के लिए आयुष चिकित्सा की पहुंच बढ़ाना है, बल्कि आयुष चिकित्सा के जरिए देशभर में समग्र स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देना है.'