IT कंसल्टेंट कंपनी कॉग्निजेंट बीते कई दिनों से सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रही है. सोशल मीडिया यूजर्स फ्रेशर्स को दिए जाने वाले सैलरी पैकेज को लेकर कंपनी पर टिप्पणियां कर रहे हैं. इस ट्रोलिंग के बाद अब कंपनी ने अपनी और से साफ दी है. कंपनी ने कहा है कि सोशल मीडिया पर खबर को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.
कॉग्निजेंट ने कहा कि 2.52 लाख कि सैलरी जो इंटरनेट पर वायरल हो रही है वो इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स के लिए नहीं बल्कि नॉन-इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स के लिए है. कंपनी ने ये भी बताया कि इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स को कंपनी 4 से 12 लाख रुपये का सालाना पैकेज देती है, जो इंडस्ट्री स्टैंडर्ड के मुताबिक ही है.
कंपनी ने कहा नॉन- इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स जिन्हें एडमिनिस्ट्रेटिव कामों के लिए रखा जाता है, उनके सैलेरी पैकेज को सभी फ्रेशर्स का बताकर गलत तरीके से वायरल किया जा रहा है, जो गलत है.
कॉग्निजेंट ने साफ किया कि कंपनी इन कर्मचारियों की ट्रेनिंग और स्किल्स बढ़ाने में जरूरी निवेश करती है, जिसमें IT स्किल्स भी शामिल हैं, जो उनके स्किल्स को बढ़ाता है और उन्हें कंपनी के अंदर ही कई तरह के काम के लिए तैयार करता है.
कंपनी ने सैलरी बढ़ाने के मुद्दे पर भी कहा कि सोशल मीडिया पर सिर्फ 1% हाइक की बात कही जा रही है, ये भी गलत है. हम 1% से 5% तक व्यक्ति की अपनी परफॉर्मेंस के हिसाब से हाईक देते हैं. साथ ही कंपनी कई चुनौतियों के बावजूद इंक्रीमेंट और बोनस भी देती है.
कंपनी का बचाव करते हुए कॉग्निजेंट अमेरिका के EVP और प्रेसिडेंट सूर्या गुम्माडी ने कहा कि इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स के हमारे सैलरी पैकेज पूरी IT सेक्टर में कॉम्पिटेटिव है. साथ ही गुम्माडी ने बताया कि कंपनी अपने कर्मचारियों की ट्रेनिंग के लिए शुरूआती सालों में 2 से 3 लाख रुपये खर्च करती है, जिससे उनकी स्किल्स बढ़ती हैं.
बता दें कि कॉग्निजेंट के दुनियाभर में 3.36 लाख कर्मचारी हैं जिसमें से 70% भारत में हैं. कंपनी ने हाल ही के दिनों में कई नए सेंटर्स भुवनेश्वर और इंदौर तक बढ़ाए हैं और हैदराबाद में भी ऑपरेशन्स को बढ़ाया है.