देश में इस साल नौकरीपेशा लोगों की सैलरी में औसतन 9.5% का इंक्रीमेंट होगा. हालांकि सैलरी में ये बढ़ोतरी पिछले साल के 9.7% की तुलना में 0.2% कम है. मगर एशिया-पैसिफिक (Asia-Pacific) में देखें तो अन्य देशों के मुकाबले आंकड़ा भारत में सबसे ज्यादा है.
ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विस कंपनी एऑन (Aon PLC) के वार्षिक वेतनवृद्धि और कारोबार सर्वे 2023-24 (Annual Salary Increase and Turnover Survey 2023-24) में ये बात सामने आई है.
रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक महामारी कोरोना के बाद 2022 में सबसे ज्यादा सैलरी इंक्रीमेंट हुआ था, जिसके बाद देश में सैलरी इंक्रीमेंट इकाई अंक तक यानी 10% से कम पर रुक गई.
जियो-पॉलिटिकल टेंशन के बीच दुनियाभर की प्रमुख इकोनॉमीज में भारत में सबसे ज्यादा सैलरी इंक्रीमेंट जारी है. इसके बाद बांग्लादेश और इंडोनेशिया में 2024 में औसतन 7.3% और 6.5% सैलरी इंक्रीमेंट हो सकता है.
भारत के संगठित क्षेत्र में प्रोजेक्टेड सैलरी इंक्रीमेंट, उभरते आर्थिक परिदृश्य के सामने एक रणनीतिक समायोजन का संकेत देती है. इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर्स में ग्रोथ मजबूत है. ये कुछ सेक्टर्स में निवेश की जरूरत का संकेत देता है.रूपांक चौधरी, टैलेंट सॉल्यूशन पार्टनर और चीफ कमर्शियल ऑफिसर, एऑन इंडिया
सर्वे में कहा गया है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा इंक्रीमेंट हो सकता है. यही एकमात्र सेक्टर है, जहां प्रोजेक्टेड इंक्रीमेंट का आंकड़ा 10 के पार 10.1% जाता दिख रहा है. इसके अलावा इंजीनियरिंग, ऑटोमोटिव, फाइनेंशियल संस्थान और लाइफ साइंसेज सेक्टर में भी ज्यादा सैलरी इंक्रीमेंट संभावित है. वहीं रिटेल, IT कंसल्टिंग में सबसे कम सैलरी इंक्रीमेंट का अनुमान है.
इस सर्वे में करीब 45 उद्योगों की 1,414 कंपनियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है.