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100 में से 82 भारतीय इस साल बदलना चाहते हैं नौकरी, एऑन की स्टडी में कई खुलासे

इस रिपोर्ट में 9,000 से ज्यादा कर्मचारियों से बातचीत की गई, जो अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, भारत और ऑस्ट्रेलिया समेत 23 देशों में काम करते हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी02:54 PM IST, 30 Apr 2025NDTV Profit हिंदी
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एऑन की एक ताजा स्टडी के मुताबिक, साल 2025 में भारत के 82% कर्मचारी अपनी नौकरी बदलने की सोच रहे हैं. ये आंकड़ा दुनियाभर के औसत से कहीं ज्यादा है. वैश्विक तौर पर 100 में से 60 लोग जॉब स्विच करने की सोच रहे हैं, जबकि भारत में 100 में से 82 लोग ऐसा सोच रहे हैं.

'2025 एम्प्लॉयी सेंटिमेंट स्टडी' नाम की इस रिपोर्ट में 9,000 से ज्यादा कर्मचारियों से बातचीत की गई, जो अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, भारत और ऑस्ट्रेलिया समेत 23 देशों में काम करते हैं.

ज्‍यादातर भारतीय कर्मचारी नौकरी बदलने की सोच रहे हैं और कई तो तुरंत मौके तलाश रहे हैं. इस स्टडी के मुताबिक,

  • भारत में 82% कर्मचारी या तो नई नौकरी तलाश रहे हैं या अगले 12 महीनों में नौकरी बदलने की योजना बना रहे हैं.

  • भारत में हर 3 में से 1 नया कर्मचारी जॉइनिंग के 6 से 12 महीनों के अंदर नई नौकरी की तलाश में लग जाता है.

किन सुविधाओं को सबसे जरूरी मानते हैं?

वर्क लाइफ बैलेंस पर पिछले कुछ महीनों में खूब बहस हुई है. इसे ज्‍यादातर भारतीय प्राथमिकता में रखते हैं. इनके अलावा भी कुछ सुविधाएं जरूरी बताते हैं. इस स्टडी में भारतीय कर्मचारियों ने कुछ प्रमुख सुविधाओं को अपनी पसंद बताया.

  • वर्क-लाइफ बैलेंस प्रोग्राम्स– प्रोफेशनल और पर्सनल जीवन में संतुलन के लिए बेहद जरूरी.

  • मेडिकल कवरेज– हेल्‍थ सिक्‍योरिटी और मेंटल पीस यानी मानसिक शांति के लिए पहली प्राथमिकता.

  • करियर डेवलपमेंट के मौके– नौकरी में तरक्की और सीखने के अवसर.

  • पेड छुट्टियां (Paid Time-off)– थकान दूर करने और निजी समय के लिए इसे लोग अहम मानते हैं.

किस पीढ़ी के लिए क्‍या है अहम?

  • जेनरेशन X और Y के लिए मेडिकल कवरेज सबसे अहम सुविधा है.

  • जेनरेशन Z (नौजवान कर्मी) के लिए वर्क-लाइफ बैलेंस सबसे जरूरी है.

कंपनियों को बदलनी होगी रणनीति

76% कर्मचारी ऐसे हैं जो बेहतर सुविधाएं पाने के लिए अपनी मौजूदा सुविधाएं भी छोड़ने को तैयार हैं. इससे साफ है कि कंपनियों को अब कर्मचारियों की बदलती जरूरतों के हिसाब से अपनी सैलरी और बेनिफिट्स की रणनीति बदलनी होगी.

एऑन इंडिया में टैलेंट सॉल्यूशंस के प्रमुख नितिन सेठी ने बताया कि कोविड के बाद कर्मचारी अब स्वास्थ्य, वेलनेस और फायदे वाली योजनाओं को पहले से ज्यादा महत्व देने लगे हैं. कंपनियों को चाहिए कि वे इन सुविधाओं को बेहतर तरीके से प्रमोट करें ताकि कर्मचारी जुड़ाव महसूस करें.

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