PM Package Internship Scheme: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में युवाओं के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया. इनमें से एक बड़ी स्कीम है- युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना.
अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार 5 वर्षों में देश की टॉप 500 कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर देने के लिए स्कीम शुरू करेगी. उन्हें 12 महीने तक रियल-लाइफ बिजनेस एनवॉयरमेंट, अलग-अलग प्रोफेशन और रोजगार के अवसरों का अनुभव मिलेगा.'
वित्त मंत्री ने कहा, 'युवाओं को 5,000 रुपये/महीने इंटर्नशिप भत्ता और 6,000 रुपये की एकमुश्त सहायता प्रदान की जाएगी. जबकि कंपनियों से अपेक्षा की जाएगी कि वे ट्रेनिंग और इंटर्नशिप कॉस्ट का 10% अपने CSR फंड से खर्च करें.'
CSR यानी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (Corporate Social Responsibility), कंपनी एक्ट, 2013 के तहत एक प्रावधान है, जिसके तहत कंपनियों को पिछले 3 वर्षों में अपने नेट प्रॉफिट का कम से कम 2% CSR फंड में रखना और उन्हें इसी मद में खर्च करना जरूरी है.
शुरुआती कैलकुलेशन के अनुसार, इसमें 63,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसमें से पहले चरण के लिए 19,000 करोड़ रुपये और दूसरे चरण के लिए 44,000 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं, जो कि ट्रेनिंग के बाद आएगा.
इस योजना के पहले चरण में 2 वर्ष का एनरॉलमेंट पीरियड है, जबकि दूसरे चरण में 3 वर्ष का. अब सबसे अहम सवाल ये है कि इस योजना के दायरे में कौन-से युवा आएंगे, इसका लाभ लेने की योग्यता क्या है? आइए जानते हैं.
केंद्र इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार करेगी, जिसके माध्यम से उम्मीदवारों को आवेदन करना होगा.
ये स्कीम केवल उन लोगों के लिए है, जो नौकरीपेशा नहीं हैं और फुल-टाइम एजुकेशन में शामिल नहीं हैं.
आयु पात्रता सीमा (Age Eligibility Range) 21 से 24 वर्ष के बीच है.
IIT, IIM, IISER, CA, CMA और अन्य प्रोफेशनल योग्यता रखने वाले लोगों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है.
इनकम टैक्स के दायरे में आने वाले परिवारों के उम्मीदवारों को इस योजना से बाहर रखा जाएगा.
वे उम्मीदवार, जो किसी सरकारी कर्मी के परिवार के सदस्य हैं, वे भी इस योजना के पात्र नहीं होंगे.
युवाओं की इंटर्नशिप और ट्रेनिंग में जो लागत आएगी, उसमें 90-10 का अनुपात होगा.
5,000 रुपये/महीने के हिसाब से एक युवा पर साल में 60,000 रुपये का भत्ता बनेगा.
इसमें सरकार 90% यानी 54,000 रुपये देगी, जबकि कंपनियों को CSR फंड से 6,000 रुपये देना होगा.
सरकार ने आकस्मिक खर्चों के लिए अलग से एकमुश्त 6,000 रुपये का अनुदान भी आवंटित किया है.
हालांकि, एडमिनिस्ट्रेटिव और ट्रेनिंग कॉस्ट, कंपनियों को वहन करना होगा.
कंपनियां स्वेच्छा से या अपने ग्रुप के अंडर या फिर बैकवर्ड सप्लाई चेन, सप्लायर्स, कस्टमर्स या अन्य कंपनी और संस्थानों के साथ एग्रीमेंट के जरिये इंटर्नशिप के अवसर प्रदान कर सकती हैं.
कंपनियों से ये भी अपेक्षा की जाती है कि वे युवाओं को उस स्किल के अनुसार, एक्चुअल वर्किंग एक्सपीरिएंस दे, जिसमें कंपनी सीधे तौर पर शामिल हो. जहां कम से कम आधा समय जॉब एनवॉयरमेंट या वर्किंग एक्सपीरिएंस में बीतना चाहिए, न कि क्लासरूम में.
इस योजना में जहां भी लागू हो, राज्य सरकार के इनिशिएटिव्स के साथ को-ऑर्डिनेशन का भी उल्लेख किया गया है.