बीते वित्त वर्ष 2024 में बेहद स्लो हायरिंग और धड़ल्ले से हुई फायरिंग (Layoffs) के बाद, भारतीय IT सेक्टर फिर से नौकरियों की बहार आने वाली है. FY25 के लिए IT कंपनियां करीब 3.50 लाख नौकरियां (Jobs) देने के लिए तैयार है.
ये स्थिति तब है, जब इस सेक्टर में डिमांड के माहौल में सुधार दिख रहा है और कंपनियां अपनी टैलेंट पाइपलाइन तैयार करने की तैयारी में हैं.
गौर करने वाली बात ये भी है कि
बजट से पहले पेश किए गए इकोनॉमिक सर्वे में आशंका जताई गई थी कि IT सेक्टर में नौकरियां बढ़ने की संभावना नहीं है.
नैसकॉम (NASSCOM) ने भी फरवरी में अनुमान जताया था कि वित्त वर्ष 2023 के 2.70 लाख नौकरियों की तुलना में वित्त वर्ष 2024 में महज 60,000 नौकरियां पैदा करेगा.
पिछले साल IT सेक्टर की प्रमुख कंपनियों में कुल कर्मियों की संख्या में गिरावट देखी गई थी. हालांकि भर्ती को लेकर कंपनियों का दृष्टिकोण सकारात्मक हो रहा है.
एक्सफेनो (Xpheno) में IT स्टाफिंग के बिजनेस हेड सुंदर ईश्वर ने कहा, 'वित्त वर्ष 25 की शुरुआत कर्मियों की संख्या में गिरावट के साथ हुई, टॉप भारतीय IT फर्मों को कर्मियों की संख्या बढ़ाने से इस गिरावट की भरपाई करनी होगी.'
उन्होंने कहा, 'मौजूदा वित्त वर्ष में तकनीकी सेक्टर की नेट ग्रोथ का परिदृश्य वित्त वर्ष 24 में देखे गए 2 लाख से 2.5 लाख के बीच बना हुआ है. इसका मतलब है कि ग्रोथ में कमी और विस्तार की भरपाई के लिए 3.50 लाख से ज्यादा नियुक्तियां की जाएंगी. इसमें 60% से ज्यादा हिस्सेदारी IT फर्मों की होगी.' ये आंकड़ा 2.10 लाख से ज्यादा होता है.
नए लोगों यानी फ्रेशर्स को काम पर रखना प्राथमिकता में रहेगा, साथ ही कुछ लैटरल नियुक्तियां भी की जाएंगी. टीमलीज डिजिटल (TeamLease Digital) के बिजनेस हेड कृष्णा विज ने कहा कि आर्थिक अनिश्चितताओं और कॉस्ट इफेक्टिव टैलेंट एक्विजिशन की जरूरत का देखते हुए कुल नियुक्तियों में फ्रेशर्स की हिस्सेदारी महत्वपूर्ण होगी.
एक ओर फ्रेशर्स को प्राथमिकता दी जाएगी, तो दूसरी ओर स्किल्ड लोगों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए और इनोवेशन को बैलेंस करने के लिए विशेष भूमिकाओं में लैटरल एंट्री पर भी फोकस होगा.
उन्होंने वित्त वर्ष 2025 में कुल कर्मियों की संख्या में पिछले साल (FY24) की तुलना में 5 से 8% की बढ़ोतरी, जबकि फ्रेशर्स की भर्ती में 10-12% की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है. बड़ी IT सर्विसेज फर्म्स ने फ्रेशर्स की भर्ती में पर्याप्त बढ़ोतरी का संकेत दिया है.
कंपनियों ने अपनी हालिया जून तिमाही नतीजों के साथ वित्त वर्ष 2025 में फ्रेशर्स की बहाली को लेकर घोषणाएं भी की हैं.
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS): 40,000 फ्रेशर्स
HCL टेक्नोलॉजीज: 10,000 फ्रेशर्स
इंफोसिस (Infosys Ltd.): 15,000-20,000 फ्रेशर्स
विप्रो (Wipro Ltd.): 12,000 फ्रेशर्स
इंफोसिस के CFO जयेश संघराजका ने अर्निंग कॉल के दौरान कहा, 'हम इस साल ग्रोथ के आधार पर 15 से 20 हजार फ्रेशर्स को जॉब देने पर विचार कर रहे हैं.'
हमारा यूटिलाइजेशन पहले से ही 85% पर है, हमारे पास थोड़ी गुंजाइश बची है, इसलिए जैसे ही हम ग्रोथ देखना शुरू करेंगे, हम भर्ती पर विचार करेंगे.जयेश संघराजका, CFO, इंफोसिस
विप्रो के चीफ HR ऑफिसर सौरभ गोविल ने कहा, 'एक साल के ब्रेक के बाद, हमने कैंपस से फ्रेशर्स को शामिल करना शुरू कर दिया है.'
हम इस वित्त वर्ष में किए गए अपने सभी बैकलॉग ऑफ ऑफर को भी पूरा करेंगे और संस्थानों के साथ पार्टनरशिप कर हायरिंग के लिए कैंपस से बाहर जाएंगे.'सौरभ गोविल, HR Head, विप्रो
एक्सफेनो के सुंदर ईश्वर के मुताबिक, ग्रोथ में गिरावट की भरपाई के लिए रिप्लेसमेंट हायरिंग, लैटरल एंट्री के जरिए होगी, जबकि एक्सपैंशन हायरिंग में एंट्री लेवल टैलेंट और फ्रेशर्स को लिया जाएगा. रिलेटिव ग्रोथ के लिए कम बेस-वैल्यू को देखते हुए, वित्त वर्ष 2025 में फ्रेशर्स हायरिंग एक्शन में 100% ग्रोथ (YoY)देखी जा सकती है, जिसमें इनटेक 1 लाख से 1.20 लाख तक पहुंच सकते हैं.
कंपनियां किन भूमिकाओं के लिए हायरिंग करेंगी, इस बात पर जोर देते हुए CIEL HR सर्विसेज के CEO आदित्य मिश्रा ने कहा, 'IT सेक्टर में डेटा साइंटिस्ट, डेटा इंजीनियर, AI/ML इंजीनियर, सेल्सफोर्स डेवलपर्स, बिग डेटा इंजीनियर, क्लाउड स्पेशलिस्ट जैसी नवीनतम तकनीकों की मांग दिखाई दे रही है.'
उन्होंने कहा, 'फुल स्टैक डेवलपमेंट, Microsoft तकनीक, Java, Python, Node JS, Golang, DevOps, UI/UX और QA में सामान्य भूमिकाएं भी जारी रहेंगी, जबकि फ्रेशर्स के लिए जूनियर डेवलपर्स, डेटा एनालिस्ट और टेक्निकल सपोर्ट इंजीनियर जैसे एंट्री-लेवल पद आम हैं.'
डेटा साइंटिस्ट
डेटा इंजीनियर
AI/ML इंजीनियर
सेल्सफोर्स डेवलपर्स
बिग डेटा इंजीनियर
क्लाउड स्पेशलिस्ट
फुल स्टैक डेवलपमेंट
माइक्रोसॉफ्ट टेक्निक
Java, Python, Node JS
Golang, DevOps एक्सपर्ट्स
UI/UX और QA एक्सपर्ट्स
सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर
सीनियर डेटा साइंटिस्ट
साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट
क्लाउड आर्किटेक्ट
प्रोजेक्ट मैनेजर
उन्होंने बताया कि सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट, साइबरसिक्योरिटी एनालिस्ट, क्लाउड आर्किटेक्ट और प्रोजेक्ट मैनेजर जैसी भूमिकाओं के लिए अधिक अनुभवी प्रोफेशनल्स की तलाश की जा रही है.
हालांकि, जेनरेटिव AI के जरिये प्राप्त ऑपरेशन एफिशिएंसी कंपनियों की मैनपावर जरूरतों को प्रभावित कर सकती है. मिश्रा ने कहा, 'आखिरकार, AI का प्रभाव सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट समेत सभी सेक्टर्स में मैनपावर की जरूरतों को कम करता है.'
वित्त वर्ष 2024 में, IT सर्विसेज सेक्टर में AI के उपयोग से कंपनियों को कम कर्मचारियों के बावजूद वित्त वर्ष 23 की तरह आय हासिल करने में मदद मिली. इस बात से इतर कंपनियां को एक्सपर्ट्स मैनपावर की जरूरत तो होगी ही, और इसलिए इस वर्ष IT सेक्टर में नौकरियों की बहार आने की उम्मीद है.