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कम नौकरियां और छोटा पैकेज, 2024 के प्लेस्मेंट सीजन का ये है हाल

IIT बॉम्बे ने 4 अप्रैल को एक सफाई जारी की थी कि 2022-2023 के ग्रेजुएट हो रहे छात्रों में से सिर्फ 6.1% ही नौकरी खोज रहे थे.
NDTV Profit हिंदीपल्लवी नाहाटा
NDTV Profit हिंदी09:24 PM IST, 10 Apr 2024NDTV Profit हिंदी
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सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक पोस्ट में ये कहा जा रहा है कि IIT बॉम्बे (IIT Bombay) के पिछले बैच और मौजूदा बैच में से करीब एक तिहाई छात्रों को नौकरी (Jobs) नहीं मिल पाई है. इसके बाद संस्थान ने 4 अप्रैल को एक सफाई जारी की थी कि 2022-2023 के ग्रेजुएट हो रहे छात्रों में से सिर्फ 6.1% ही नौकरी खोज रहे थे. उसने इस साल ग्रेजुएट हो रहे छात्रों के लिए कैंपस प्लेस्मेंट (Placements) पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया.

कॉलेज की प्लेस्मेंट्स का दूसरा चरण अभी पूरा नहीं हुआ है. ये देखना होगा कि आखिर में आंकड़े कैसे रहेंगे. IIT ग्लोबली प्रतिष्ठित Ivy लीग कॉलेज का भारतीय जवाब है. हालांकि ये इस साल भारत में प्लेस्मेंट सीजन के मुश्किल होने की ओर संकेत देता है.

कई बड़ी कंपनियां प्लेस्मेंट से दूर

सिंबॉयसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के तहत आने वाले एक कॉलेज के स्टूडेंट प्लेस्मेंट सेल हेड ने कहा कि वो हायरिंग फ्रीज होने की बहुत बात सुन रहे हैं. उनके मुताबिक बड़ी कंपनियां जो हर साल कैंपस में नियमित तौर पर आती हैं वो इस साल नहीं हैं. अक्सर कंपनियां औपचारिकताओं को पूरा करती हैं फिर पीछे हट जाती हैं.

अब तक सिर्फ 20% बैच की ही प्लेस्मेंट हुई है. आम तौर पर ये कम से कम 90% रहती है. उन्होंने कहा कि डेटाबेस करीब 10 गुना बढ़ा है. लेकिन कम प्लेस्मेंट की वजह से छात्रों ने प्लेस्मेंट सीजन को आगे बढ़ाया है. प्लेस्मेंट हेड ने आगे बताया कि जो पैकेज ऑफर किए जा रहे हैं वो बेहद ही कम हैं. मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों के लिए शुरुआती सैलरी 3 लाख रुपये सालाना ऑफर की जा रही है जो शोषण करने के बराबर है.

छात्र प्लेस्मेंट प्रोसेस में नहीं ले रहे हिस्सा

कॉलेज के नियम सख्त हैं और छात्रों को उन्हें मिलने वाले पहले ऑफर को मंजूर करना जरूरी होता है. ऐसे में छात्रों को लगता है कि उनके पास कोई विकल्प नहीं है और उन्हें आखिर में कैंपस प्लेस्मेंट से खुद को बाहर रखना होगा. कुछ मामलों में उन्होंने सुना है कि कॉलेज छात्रों से खुद को प्लेस्मेंट प्रक्रिया से अलग करने को कह रहे हैं जिससे वो बेहतर आंकड़े दिखा सकें.

वहीं गाजियाबाद के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ने भी MBA छात्रों के लिए प्लेस्मेंट सीजन को आगे बढ़ाया है. इस बार के बैच के लिए कम प्री प्लेस्मेंट ऑफर आए. अब कॉलेज में आने वाली कई बड़ी कंपनियों ने हायरिंग फ्रीज कर दी है.

कम पैकेज से छात्र परेशान

एक छात्रा ने अनजान रहने की शर्त पर बताया कि कुछ कंपनियां सिर्फ अहमदाबाद, बेंगलुरू और कोलकाता के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में गईं थीं. अन्य कुछ कंपनियों ने बहुत कम पैकेज ऑफर किए. इस साल शुरुआती पैकेज कम है. उन्हें एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी में नौकरी मिली है. लेकिन उन्हें कंपनी ने बेहद कम पैकेज दिया है. इससे एक साल पहले इसी कंपनी ने उनके सीनियर्स को ज्यादा पैकेज ऑफर किया था.

छात्रा ने कहा कि पिछले साल की प्लेस्मेंट जनवरी तक हो गई थी. इस साल अब तक प्लेस्मेंट जारी है. कॉलेज 600 के बैच में से करीब 550 छात्रों की प्लेस्मेंट कर पाया है. उनके मुताबिक केवल विदेशी कंपनियां ही नहीं, बल्कि बहुत सी भारतीय कंपनियों ने भी हायरिंग फ्रीज कर रखी थी.

एक अन्य छात्र ने बताया फर्स्ट ईयर बैच के लिए घबराहट का माहौल था. छात्रों को कैंपस समर प्लेस्मेंट के लिए कॉलेजों पर निर्भर रहने की जगह खुद से कोशिश करने के लिए कहा जा रहा है.

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