PM इंटर्नशिप योजना (PM Internship Scheme) का पायलट प्रोजेक्ट 3 अक्टूबर यानी आज से लॉन्च हो जाएगा. NDTV प्रॉफिट को सूत्रों के हवाले से ये खबर मिली है कि 3 अक्टूबर से इसका पोर्टल लॉन्च हो जाएगा. सबसे पहले कंपनियां अपने यहां पर इंटर्नशिप पदों को अपलोड करेंगी. उसके बाद उम्मीदवारों के आवेदन के लिए इसे लाइव किया जाएगा.
इस स्कीम का ऐलान बजट में किया गया था. स्कीम का मकसद युवाओं को इंटर्नशिप के मौके मुहैया कराना है.
इस इंटर्नशिप स्कीम के जरिए 1 करोड़ युवाओं को स्किल्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है. पहले चरण में 30 लाख युवाओं का स्किल्ड किया जाएगा, फिर दूसरे चरण में तीन साल के दौरान 70 लाख युवाओं को इसका फायदा मिलेगा.
सूत्रों के मुताबिक - मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (MCA) कंपनियों के लिए पोर्टल की शुरुआत करेगा, जहां वो अपनी वैकेंसीज/ओपनिंग्स को भर पाएंगे. PM इंटर्नशिप स्कीम के लिए MCA नोडल एजेंसी है. जिन कैंडिडेट्स को इंटर्नशिप की तलाश है वो वैकेंसीज के लिए 13 अक्टूबर से अप्लाई कर पाएंगे. इंटर्नशिप योजना 8 लाख रुपये से कम सालाना आमदनी वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तक सीमित हो सकती है.
अपने बजट भाषण में इस योजना का ऐलान करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि 'हमारी सरकार 5 वर्षों में देश की टॉप 500 कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर देने के लिए स्कीम शुरू करेगी. उन्हें 12 महीने तक रियल-लाइफ बिजनेस एनवॉयरमेंट, अलग-अलग प्रोफेशन और रोजगार के अवसरों का अनुभव मिलेगा.
इस योजना में भारत सरकार की ओर से डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए 4,500 रुपये की रकम दी जाएगी, जिसमें कंपनी के CSR फंड से 500 रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी.
ये स्कीम उन युवाओं के लिए है, जिनकी उम्र 21 से 24 साल के बीच है और जिनके पास कोई नहीं है. इस स्कीम से वो लोग बाहर रहेंगे जो IIT, IIM जैसे संस्थानों से प्रोफेशनल योग्यता रखेत हैं. हालांकि ITI और कौशल केंद्र के युवा इसके लिए पात्र हो सकते हैं.
ये स्कीम केवल उन लोगों के लिए है, जो नौकरीपेशा नहीं हैं और फुल-टाइम एजुकेशन में शामिल नहीं हैं.
आयु पात्रता सीमा (Age Eligibility Range) 21 से 24 वर्ष के बीच है.
IIT, IIM, IISER, CA, CMA और अन्य प्रोफेशनल योग्यता रखने वाले लोगों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है.
इनकम टैक्स के दायरे में आने वाले परिवारों के उम्मीदवारों को इस योजना से बाहर रखा जाएगा.
वे उम्मीदवार, जो किसी सरकारी कर्मी के परिवार के सदस्य हैं, वे भी इस योजना के पात्र नहीं होंगे.
सरकार हर साल 5,000 रुपये महीने के हिसाब से पैसे देंगी, तो एक साल में हर युवा पर 60,000 रुपये खर्च होंगे. इसके अलावा 6,000 रुपये का अंतिरिक्त फंड भी मिलेगा जो कि हर महीने के 500 रुपये होगा.
युवाओं की इंटर्नशिप और ट्रेनिंग में जो लागत आएगी, उसमें 90-10 का अनुपात होगा.
5,000 रुपये/महीने के हिसाब से एक युवा पर साल में 60,000 रुपये का भत्ता बनेगा.
इसमें सरकार 90% यानी 54,000 रुपये देगी, जबकि कंपनियों को CSR फंड से 6,000 रुपये देना होगा.
सरकार ने आकस्मिक खर्चों के लिए अलग से एकमुश्त 6,000 रुपये का अनुदान भी आवंटित किया है.
हालांकि, एडमिनिस्ट्रेटिव और ट्रेनिंग कॉस्ट, कंपनियों को वहन करना होगा.
कंपनियां स्वेच्छा से या अपने ग्रुप के अंडर या फिर बैकवर्ड सप्लाई चेन, सप्लायर्स, कस्टमर्स या अन्य कंपनी और संस्थानों के साथ एग्रीमेंट के जरिये इंटर्नशिप के अवसर प्रदान कर सकती हैं.
कंपनियों से ये भी अपेक्षा की जाती है कि वे युवाओं को उस स्किल के अनुसार, एक्चुअल वर्किंग एक्सपीरिएंस दे, जिसमें कंपनी सीधे तौर पर शामिल हो. जहां कम से कम आधा समय जॉब एनवॉयरमेंट या वर्किंग एक्सपीरिएंस में बीतना चाहिए, न कि क्लासरूम में.
इस योजना में जहां भी लागू हो, राज्य सरकार के इनिशिएटिव्स के साथ को-ऑर्डिनेशन का भी उल्लेख किया गया है.