पूरी दुनिया की नजर US फेडरल रिजर्व की बैठक पर है. मंगलवार की शाम को US फेड ब्याज तो शायद कम न करे, लेकिन आगे दरों में कटौती कब करेगा, इसके संकेत दे सकता है. US फेड की नजर महंगाई पर तो है, मगर वो लगातार धीरे-धीरे बढ़ते बेरोजगारी के आंकड़ों पर भी नजर बनाए हुए है.
अमेरिका में बेरोजगारी की दर 2 साल के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई है. अब कई FOMC (Federal Open Market Committee) सदस्यों को लगने लगा है कि महंगाई के साथ-साथ लेबर मार्केट पर भी फोकस करना होगा. बढ़ती बेरोजगारी आने वाले दिनों में बड़ा संकट खड़ा कर सकती है
हालांकि बाजार को लग रहा है कि दरें 5.25% से 5.5% के बीच स्थिर रहेंगी. US फेड दरों में कटौती के मूड में नहीं दिख रहा है. उसके हिसाब से जब तक महंगाई 2% के दायरे में नहीं आ जाती, तब तक दरें नहीं घटाएगा. अमेरिका में ब्याज दरें दो दशकों की ऊंचाई पर हैं और वहां की इंडस्ट्री हर हाल में कर्ज की लागत को नीचे लाना चाहती है. महंगे कर्ज का असर धीरे-धीरे बिजनेस से जुड़ी गतिविधियों पर पड़ने लगा है.
बाजार को मालूम है US फेड अभी दरें नहीं घटाएगा, लेकिन उसकी नजर जेरोम पॉवेल की कमेंट्री पर है. वहां से बाजार ये संकेत ले सकता है कि दरें कब से घटनी शुरू होंगी.
ब्लूमबर्ग के सर्वे में ज्यादातर इकोनॉमिस्ट्स ने जून से दरों में कटौती की शुरुआत की बात कही है. ज्यादातर को लगता है कि 2024 में तीन बार दरों में कटौती होगी, हालांकि एक-तिहाई को ये भी लगता है दो या इससे भी कम यानी एक ही कटौती होगी.