करीब करीब सभी एग्जिट पोल्स एक बार फिर देश में मोदी सरकार की वापसी का अनुमान लगा रहे हैं, 4 जून यानी कल मंगलवार को चुनाव आयोग लोकसभा चुनावों के नतीजों का ऐलान करेगा, हालांकि इससे पहले ही बाजार ये मान चुका है कि मोदी सरकारी लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी कर रही है. कई ब्रोकरेज ने भी एग्जिट पोल के बाद भारतीय बाजारों के लिए अपनी राय दी है.
ब्रोकरेज का कहना है कि भारतीय बाजार आने वाले दिनों में शानदार परफॉर्म करेंगे, पिछले दिनों की उठा-पटक के बाद बाजार एक नई ऊंचाई को छूने को तैयार हैं. ज्यादातर ब्रोकेरज ये मान रहे हैं और उनके बीच इस बात को लेकर सहमति दिखती है कि मोदी सरकार के आने के बाद इकोनॉमी और कैपिटल मार्केट को मजबूती मिलेगी, ये पॉलिसीमेकिंग में एक स्थायित्व और निरंतरता देगा. BJP सरकार अपने आर्थिक एजेंडा को और भी तेजी से आगे बढ़ाएगी.
एग्जिट पोल्स अकेले BJP को ही 305-350 सीटें दे रहे हैं
एग्जिट पोल्स NDA गठबंधन को 355- 415 सीटें दे रहे हैं
अगर एग्जिट पोल्स सही साबित होते हैं, कैपेक्स शेयरों के लिए सेंटीमेंट्स पॉजिटिव होंगे
अलग अलग एग्जिट पोल्स के बीच अंतर कम है, इसलिए अनुमान काफी सटीक लगते हैं
एग्जिट पोल्स मोदी सरकार के लिए आसानी से मेजोरिटी की ओर इशारा कर रहे हैं
मोदी 3.0 मैक्रो स्थिरता और ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने पर फोकस करेगी
ग्रामीण इलाकों पर खर्च दिसंबर तक बढ़ना शुरू होगा
2014 और 2019 के एग्जिट पोल्स में NDA को 50 सीटें कम दी थीं
मोदी सरकार घरेलू सेक्टर्स पर अपना फोकस बढ़ाएगी
इंफ्रा, मैन्युफैक्चरिंग, कैपेक्स थीम पर ज्यादा फोकस रहेगा
तीसरे टर्म में FII का निवेश और बढ़ने की उम्मीद है
एग्जिट पोल्स सही और गलत दोनों ही होते रहे हैं, 2024 के नतीजे अलग हैं
उम्मीद करते हैं कि 2014 और 2019 के मुकाबले ज्यादा अंतर नहीं होगा
बाजार में रिलीफ रैली जारी रह सकती है, बाजार 23,500 को छू सकता है
ज्यादा सीटों की संख्या से मात्रा तो बढ़ सकती है लेकिन रैली की अवधि नहीं
आउटलुक में बदलाव नही
पॉजिटिव: मैन्युफैक्चरिंग
कमजोर: IT, मैन्युफैक्चरिंग
बाजार में इस साल हाई सिंगल डिजिट रिटर्न का अनुमान बरकरार है
एग्जिट के मुताबिक, BJP के खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है
2019 की तुलना में कुल मतदान प्रतिशत 220 bps कम हुआ
बाजार में निरंतरता बनी रहने की उम्मीद है
सरकार तीसरे कार्यकाल में बिजली, कृषि क्षेत्र में रिफॉर्म में तेजी लाएगी
पॉजिटिव: इंफ्रा, सीमेंट, प्राइवेट बैंक, NBFCs, चुनिंदा कंपनियां
निगेटिव: IT, केमिकल्स
न्यूट्रल: ज्यादातर कंज्यूमर सेक्टर्स