कच्चे तेल की कीमतों में एक बार फिर उबाल है, ब्रेंट क्रूड नंवबर के बाद से पहली बार 90 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गया है. कच्चे तेल में आई तेजी के पीछे वजह है OPEC+ देशों का उत्पादन कटौती को लेकर किया गया ऐलान.
सऊदी अरब ने ऐलान किया है वो कच्चे तेल की उत्पादन कटौती को अभी नहीं थामेगा, बल्कि 10 लाख बैरल की कटौती को अब दिसंबर तक जारी रखेगा. इस फैसले का मतलब ये हुआ कि कुल 6 महीने तक उत्पादन करीब 90 लाख बैरल प्रति दिन ही रहेगा, जो कई वर्षों का सबसे निचला स्तर है.
दूसरी तरफ रूस ने भी एक्सपोर्ट कटौती का ऐलान किया है. रूस के उप प्रधान मंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने एक अलग बयान में ऐलान किया है कि वो एक्सपोर्ट में प्रति दिन 3 लाख बैरल की कटौती को उसी अवधि के लिए बढ़ाया जाएगा. इन दोनों देशों के इस फैसले ने निवेशकों के चिंता बढ़ा दी है कि आने वाले समय में, खासतौर पर सर्दियों में कच्चे तेल की सप्लाई में कमी देखने को मिल सकती है
मंगलवार को ब्रेंट क्रूड $1.04 या 1.2% चढ़कर 90.04 डॉलर प्रति बैरल पर सेटल हुआ. 16 नवंबर 2022 के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि क्रूड 90 डॉलर के ऊपर सेटल हुआ हो. WTI फ्यूचर्स $1.14 डॉलर या 1.3% चढ़कर 86.69 पर सेटल हुआ, जो कि 10 महीने की ऊंचाई है.
गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि OPEC+ के फैसलों से कीमतों के लिए उसके आउटलुक में बुलिश रिस्क आया है, बैंक के एनालिस्ट्स ने कई परिदृश्यों की रूपरेखा तैयार की, जिसमें ब्रेंट को 100 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर जाने का भी अनुमान लगाया गया है. पिछले हफ्ते ब्लूमबर्ग की ओर से सर्वे किए गए 25 में से 20 एनालिस्ट्स ने ये अनुमान लगाया था कि अतिरिक्त कटौती को एक अतिरिक्त महीने के लिए बढ़ाया जाएगा.
SPA (सऊदी प्रेस एजेंसी) द्वारा प्रकाशित बयान के अनुसार, कटौती को बढ़ाने या उत्पादन बढ़ाने पर विचार करने के लिए इस स्वैच्छिक कटौती फैसले की हर महीने समीक्षा की जाएगी. सऊदी अरब का लक्ष्य "तेल बाजारों की स्थिरता और संतुलन" को बनाने का है.