बीते दो दिनों से कच्चे तेल की कीमतों में जारी गिरावट OPEC+ की बैठक के पहले थम गई है. कच्चा तेल एक जो पिछले कुछ दिनों से गोते लगा रहा था, एक बार फिर मजबूती दिखा रहा है.
गुरुवार को कच्चे तेल में आई 5% की बड़ी गिरावट के बाद शुक्रवार को बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 81 डॉलर प्रति बैरल पर आकर टिक गया, इसमें करीब 4% तक की शानदार रैली देखने को मिली. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड भी इस उठा-पटक के बाद 76 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है. जो कि गुरुवार को 73 डॉलर प्रति बैरल तक फिसल गया था.
कच्चे तेल के उत्पादन कटौती पर फैसला करने के लिए ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग यानी OPEC देशों और इसके सहयोगी देशों की इस वीकेंड एक अहम बैठक होनी है. OPEC की साल 2024 के लिए ग्लोबल क्रूड मार्केट की दिशा और इसकी प्राथमिकताएं तय करने के लिए इस बैठक पर दुनिया भर की नजरें हैं. लगातार चार हफ्ते से कच्चे तेल में आई गिरावट के बाद अब ये अनुमान लगाया जा रहा है कि कीमतों को थामने के लिए OPEC+ देश सप्लाई कटौती को साल 2024 में भी जारी रख सकते हैं.
इजरायल और हमास के बीच जब युद्ध की शुरुआत हुई थी, तब कच्चे तेल कीमतों में शुरुआती तेजी जरूर देखने को मिली थी, लेकिन इसके बाद मिडिल ईस्ट से सप्लाई को लेकर चिंताएं खत्म हुईं, तो कच्चे तेल के भाव में तेजी से गिरावट भी देखने को मिली, जिससे OPEC+ देशों की चिंताएं बढ़ी हैं. गोल्डमैन सैक्स के एनालिस्ट्स का कहना है कि इस महीने के अंत में होने वाली बैठक में OPEC देश तेल की कीमतों को सपोर्ट करने के लिए कदम उठाएंगे. गोल्डमैन सैक्स के एनालिस्ट डान स्ट्रूवेन का कहना है कि हमें लगता है कि OPEC इस बात को सुनिश्चित करेगा कि 2024 में कीमतों को $80-$100 की रेंज में रखा जाए.
ING Groep NV के वॉरेन पैटरसन का कहना है कि साल 2024 की शुरुआत में सऊदी अरब और रूस अपनी अतिरिक्त कटौतियों को जारी रख सकते हैं. हालांकि ये अभी साफ नहीं है कि व्यापक रूप से OPEC+ समूह आगे कटौतियां करेगा. कच्चे तेल के लिए पिछला महीना अच्छा नहीं रहा है, क्योंकि इजरायल और हमास जंग से जो रिस्क प्रीमियम पैदा हुआ था, वो कम हो गया और नॉन-OPEC+ देशों समेत आपूर्ति की मजबूत सप्लाई को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.
अमेरिका में इन्वेंट्री बढ़ने और हर वक्त के साथ कमजोर स्थितियों का संकेत देने के साथ, हेज फंड्स भी अब क्रूड पर ज्यादा बुलिश नहीं रह गए हैं, यही वजह है कि क्रूड पर उन्होंने अपना मजबूती का दांव घटाकर 20 हफ्ते में सबसे कम कर दिया है. मिडिल ईस्ट और अमेरिका में इस दौरान टैंकर की बुकिंग में आई जोरदार तेजी के बीच शिपिंग तेल की लागत में उछाल देखने को मिला है. ये सप्लाई में आई बेतहाशा तेजी की वजह से है, इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी ने पिछले हफ्ते कहा था कि अमेरिका और ब्राजील जैसे देशों से ऊंचे उत्पादन के कारण ग्लोबल प्रोडक्शन ग्रोथ अनुमान से ज्यादा थी.