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इजरायल-हमास जंग से कच्चा तेल 5% उछला, ब्रेंट क्रूड 89 डॉलर पहुंचा, कहां तक जाएंगी कीमतें?

हालांकि अभी कच्चे तेल के प्रवाह को लेकर कोई खतरा नहीं दिख रहा है, लेकिन जोखिम इस बात का कि आगे जाकर ये लड़ाई प्रॉक्सी वॉर में बदल सकती है जिससे अमेरिका और ईरान आपस में उलझ सकते हैं
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी11:16 AM IST, 09 Oct 2023NDTV Profit हिंदी
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इजराइल पर आतंकी संगठन हमास ने अबतक का सबसे बड़ा हमला किया है, जिसमें 1100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. इस हमले का असर कच्चे तेल की कीमतों पर दिख रहा है. कच्चा तेल 5% से ज्यादा उछल गया है.

इस जंग की वजह से मिडिल ईस्ट में अब तनाव बढ़ने का खतरा मंडराने लगा है, अगर ऐसा हुआ तो आने वाले वक्त में कच्चे तेल की कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है, क्योंकि मिडिल ईस्ट दुनिया के एक तिहाई कच्चे तेल का सप्लायर है.

ब्रेंट क्रूड 89 डॉलर तक उछला

बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड आज 89 डॉलर प्रति बैरल तक उछल गया, जबकि अमेरिका का WTI भी 5% से ज्यादा उछलकर $87 डॉलर प्रति बैरल का पार चला गया. इसके पहले कच्चे तेल कीमतों में जबरदस्त तेजी के बाद 6 अक्टूबर से पहले इसमें 10% तक की गिरावट देखने को मिली थी. 6 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद जंग का ये तीसरा दिन है और अब ये तेज हो गई है. अमेरिका ने कहा है कि वो युद्ध क्षेत्र में अपनी वॉरशिप भेज रहा है.

कच्चे तेल को लेकर क्या जोखिम है?

हालांकि अभी कच्चे तेल के प्रवाह को लेकर कोई खतरा नहीं दिख रहा है, लेकिन जोखिम इस बात का कि आगे जाकर ये लड़ाई प्रॉक्सी वॉर में बदल सकती है जिससे अमेरिका और ईरान आपस में उलझ सकते हैं. मुश्किल ये है कि अभी तेहरान के खिलाफ कोई भी कार्रवाई, ये कहकर की जाती है कि वो इन हमलों में शामिल था, तो होर्मुज के जरिए जहाजों के रास्तों को खतरा हो सकता है, जो एक बेहद जरूरी जलमार्ग है, जिसे ईरान ने पहले बंद करने की धमकी दी है.

सिटीग्रुप के एनालिस्ट्स एड मोर्स और एरिक ली ने एक नोट में कहा कि 'इजराइल-हमास युद्ध से इस बात की संभावनाएं कम हो गईं हैं कि सऊदी अरब अपने प्रतिदिन 10 लाख बैरल उत्पादन में कटौती करेगा या इसे खत्म कर देगा, बल्कि खतरा इस बात का भी बढ़ रहा है कि इजराइल ईरान पर हमला करेगा.'

क्या कच्चा तेल और ऊपर जाएगा

तेहरान और अमेरिका के बीच बीते कई महीनों से शांति बनी हुई थी, अमेरिका भी ईरान के खिलाफ चुप्पी साधे बैठा था, यही वजह रही कि ईरान से अमेरिका के शिपमेंट्स पांच महीने की ऊंचाई पर पहुंच गए, मगर अब हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया. ऐसे में बहुत ज्यादा बुरा हुआ तो ईरान होर्मुज के रास्तों को निशाना बना सकता है, अगर वो खुद को एक कोने में पाता है. ये जलमार्ग रोजाना करीब 1.7 करोड़ बैरल कच्चे तेल की आवाजाही के लिए जरूरी है.

हेलिमा क्रॉफ्ट समेत RBC के मार्केट्स के एनालिस्ट कहते हैं कि 'अगर इजरायल सामने आकर ईरान पर सीधा आरोप लगाता है, तो हमारा मानना है कि बाइडेन सरकार के लिए इस तरह के प्रतिबंधों को अपनाए रखना मुश्किल हो जाएगा.' 'हमारा अनुमान है कि कांग्रेस और अन्य जगहों पर आलोचक ये तर्क देंगे कि व्हाइट हाउस ईरान को ऐसे घातक लोगों को प्रायोजित करने के लिए वित्तीय साधन मुहैया करवा रहा है.'

फैट प्रोफेट्स के रिसोर्स एनालिस्ट डेविड लेनोक्स का कहना है, "हमने वास्तविक संघर्ष से ही कीमतों को अपने चरम को देखा है, कीमतों में इस तरह की तेजी आमतौर पर खबरें आने के तुरंत बाद आती है. उस नजर से कीमतों पर असर तय हो चुका है. लेनोक्स ने कहा कि अगर हमलों की योजना बनाने के लिए जिम्मेदार लोगों के बारे में कुछ पता चलता है तो हम आने वाले दिनों में कीमतों में और तेजी देख सकते हैं.'

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