फेस्टिव सीजन के बीच सोना (Gold) रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया है. घरेलू बाजार में सोने का भाव 77 हजार रुपये/10 ग्राम के पार पहुंच गया है. ये स्थिति तब है, जब सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी 15% से घटा कर 6% कर दी गई है. केडिया एडवायजरी का अनुमान है कि इस कटौती के बिना MCX पर सोने की कीमतें अब तक ₹80,000 के लेवल को पार कर गई होतीं.
घरेलू बाजारों के साथ-साथ, अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने का भाव 2,727.20 डॉलर/आउंस की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है. देखा जाए तो एक तरह से गोल्ड ने अब तक की सबसे ज्यादा सालाना बढ़त हासिल कर ली है.
पिछले साढ़े चार दशक यानी 45 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो गोल्ड ने साल 2024 में सबसे ज्यादा बढ़त का रिकॉर्ड बनाया है. इंटरनेशनल मार्केट में चल रहे भाव के अनुसार देखें तो गोल्ड का भाव इस साल 31.33% चढ़ चुका है.
इस साल के खत्म होने में अभी 2 महीने से ज्यादा का समय है. अगर इस दौरान कीमतें बढ़ती हैं तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना अटूट रिकॉर्ड हासिल कर लेगा.
इससे पहले साल 2007 में गोल्ड करीब 31% चढ़ा था. साल 2010 में सोने की कीमतें 29.61%, जबकि 2020 में 25.09% बढ़ी थीं. इन चारों वर्षों के अलावा कभी भी सोना 25% से ज्यादा नहीं चढ़ पाया.
घरेलू बाजार में सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर है. MCX पर सोने का दिसंबर वायदा ₹77,641/10 ग्राम की नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया. वहीं दूसरी ओर इंडियन बुलियन एंड ज्वेलरी एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, बुलियन मार्केट्स में 24 कैरट गोल्ड का रेट ₹76,810/10 ग्राम चल रहा है.
मौजूदा समय में सोने की तेजी के पीछे कई कारण हैं. केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरों में थोड़ी और कटौती की उम्मीदों के बीच सिक्योर-एसेट की ग्लोबल मांग, भाव चढ़ने का समर्थन कर रही है. इसके अलावा मिडिल ईस्ट में बढ़ता तनाव भी सोने के भाव में तेजी का सेंटिमेंट को बढ़ा रहे हैं. ऐसे में सोने की कीमतें इस साल के अंत तक ₹79,000 का लेवल पार कर सकती हैं.अजय केडिया, MD, केडिया एडवायजरी
केडिया एडवायजरी के मुताबिक, इस साल सोने के भाव 22% तक चढ़े हैं. पिछले 20 वर्षों में सोने के भाव में सबसे ज्यादा 31.85% बढ़त 2011 में दर्ज की गई थी. इससे पहले 2008 में गोल्ड रेट्स 28.61% चढ़े थे. वहीं साल 2020 में सोने के भाव 28.24% तक चढ़ गए थे.
पिछले 11 वर्षों में सोना ढाई गुना से भी ज्यादा महंगा हो चुका है. जनवरी 2014 में जो सोना 29,462 रुपये के भाव चल रहा था, अक्टूबर 2024 में उसकी कीमत 77,570 रुपये पहुंच गई है.
जुलाई 2020 में सोना 53,445 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था. इसके बाद दिसंबर 2020 में थोड़ा नीचे आकर 50,000 रुपये के करीब पहुंचा था. इसके बाद जनवरी, 2022 में सोने का भाव नीचे जाकर 47 हजार के करीब पहुंचा था, लेकिन फिर से इसमें तेजी दिखने लगी.
साल 2014 से अब तक गोल्ड ने 3 अच्छे साल देखे. ये साल इन्वेस्टमेंट के लिहाज से भी ठीक रहे. साल 2019 में गोल्ड ने करीब 25% और साल 2020 में करीब 28% का रिटर्न दिया. वहीं इस साल अब तक 10 महीनों में गोल्ड ने 22% गेन के साथ ठीक-ठाक रिटर्न दिया है.
केडिया एडवायजरी के मुताबिक, बजट में सरकार कस्टम ड्यूटी पर राहत नहीं देती तो सोने की कीमतें 80,000 रुपये/10 ग्राम के लेवल को पार कर गई होतीं. इस साल के अंत तक इसके करीब पहुंचने की संभावना है.