सोना हर रोज महंगा हो रहा है. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के रेट नई ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. घरेलू बाजार में MCX पर सोने का अक्टूबर वायदा जब खुला तो ये खुलते ही 76,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया. हालांकि कुछ देर बाद ये इस स्तर से फिसल गया, फिलहाल ये 75,200 के आसपास कारोबार कर रहा है. मंगलवार को सोना वायदा 75003 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था.
अगर रिकॉर्ड ऊंचाई से देखें तो सितंबर में ही सोना अबतक करीब 4,400 रुपये प्रति 10 ग्राम तक महंगा हो चुका है. 2 सितंबर को सोने का भाव 71,601 रुपये पर बंद हुआ था. केवल इस हफ्ते ही देखें तो सोना 1,700 रुपये से ज्यादा महंगा हो चुका है. हालांकि चांदी की चमक थोड़ी फीकी जरूर पड़ी है. इंट्राडे में 92,309 रुपये तक पहुंचने के बाद चांदी का दिसंबर वायदा 250 रुपये की गिरावट के साथ 92,000 रुपये प्रति किलो के ऊपर टिका हुआ है. हालांकि सितंबर महीने में चांदी भी 9,850 रुपये प्रति किलो तक महंगी हो चुकी है.
सोने की कीमतों का बढ़ना भारत के लिए लिहाज से इसलिए भी संवेदनशील हो जाता है, क्योंकि कुछ ही दिनों में शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा, साथ ही फेस्टिव सीजन भी है. कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि नवंबर-दिसंबर 2024 के दौरान देश में करीब 35 लाख शादियां होनी है. इस दौरान सोने की अच्छी डिमांड होगी. ऐसे में अगर सोने की कीमतें ऐसे ही बढ़ती रहीं तो नए खरीदारों के लिए सोना खरीदना थोड़ा मुश्किल हो जाएगा, हालांकि जिन्होंने सोना खरीदकर रखा हुआ है, उनके लिए सोने के भाव बढ़ना अच्छी खबर है.
घरेलू बाजार के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर है, कॉमेक्स पर सोना वायदा ने 2,694.90 डॉलर प्रति आउंस की नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ है. ये तेजी अगर कायम रही तो बहुत जल्द ये 2,700 डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई को भी छू लेगा. YTD आधार पर इसमें 25% से ज्यादा की तेजी आ चुकी है. कई एनालिस्ट जो पहले ये अनुमान लगा रहे थे कि 2025 के मध्य तक सोना 2,700 डॉलर को छू लेगा, अब ऐसा लग रहा है कि ये आने वाले कुछ दिनों में ही इस ऊंचाई को हासिल कर लेगा.
अब सवाल ये उठता है कि सोने की ये तेजी कितनी टिकाऊ है, क्या ये आगे भी जारी रहेगी, इस पर कमोडिटी एनालिस्ट का रुख है कि इस तेजी में अनिश्चितता है. मोतीलाल ओसवाल के नवनीत दमानी जो कि कमोडिटीज एंड करेंसी के हेड ऑफ रिसर्च है, उनका कहना है कि अगर ब्याज दरों में कटौती जारी रहती है तो सोने की कीमतों को बढ़ना जारी रहेगा, हालांकि 2,700 डॉलर के करीब इसमें एक ठहराव देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि आज हम जो देख रहे हैं वो एक उत्साह है, लेकिन जब बाजार उत्साह में होता है, तो हम नहीं जानते कि यह कब रुकेगा, ये रुकने से पहले थोड़ा और ऊपर भी जा सकता है.
SMC ग्लोबल में कमोडिटी रिसर्च की हेड वंदना भारती का कहना है कि ब्याज दरों में कटौती और जियो-पॉलिटिकल तनाव का बढ़ना और आगे डॉलर में और कमजोरी आने के संकेत हैं. सोने की कीमतों में ये तेजी एक सुरक्षित निवेश की वजह से आई है.
फेडरल रिजर्व ने अपनी पिछली पॉलिसी में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी, ट्रेडर्स को उम्मीद है कि फेड 50 बेसिस प्वाइंट कटौती और कर सकता है, जिससे सोने की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है. डॉलर सस्ता होने की वजह से भी सोने के दाम बढ़ रहे हैं. क्योंकि सोने की कीमत डॉलर में होती है, इसलिए बाकी करेंसीज रखने वाले निवेशकों के लिए ये सस्ता हो जाता है, जिससे ग्लोबल डिमांड्स बढ़ती है, नतीजतन कीमतें भी बढ़ती हैं. साथ ही, जब भी फेड ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोने की कीमतें चढ़ती हैं, क्योंकि बॉन्ड्स और सेविंग्स पर ब्याज दरें कम होती हैं. इसलिए सोना निवेशकों के लिए आकर्षक हो जाता है.