ADVERTISEMENT

MCX ने F&O कॉन्ट्रैक्ट्स पर ट्रांजैक्शन फीस में किया बदलाव, अब स्लैब की बजाय इस तरह से लगेगा चार्ज

SEBI ने कहा था कि वो अलग अलग स्लैब बेस्ड फीस की जगह पर एक फिक्स्ड फीस लगाए. जो मौजूदा समय में स्टॉक एक्सचेंजेज चार्ज करते हैं. इस बदलाव से सदस्यों के बीच साइज या एक्टिविटी पर आधारित फायदे खत्म हो जाएंगे.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी08:35 AM IST, 25 Sep 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MCX) ने मंगलवार को फ्यूचर्स और ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स (F&O Contracts) पर लगने वाली ट्रांजैक्शन फीस में बदलाव का ऐलान किया. एक्सचेंज फाइलिंग में कहा गया है कि फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए प्रति एक लाख रुपये टर्नओवर पर 2.10 रुपये की ट्रांजैक्शन फीस लगेगी, जबकि ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट के लिए प्रीमियम टर्नओवर वैल्यू में हर एक लाख रुपये पर 41.8 रुपये की फीस लगेगी.

1 अक्टूबर 2024 से लागू होंगी दरें

फाइलिंग में कहा गया है कि नई दरें 1 अक्टूबर 2024 से लागू होंगी. इससे दो महीने पहले सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MIIs) के सभी सदस्यों के लिए यूनिफॉर्म फ्लैट फीस स्ट्रक्चर अनिवार्य कर दिया था.

SEBI ने कहा था कि वो अलग अलग स्लैब बेस्ड फीस की जगह पर एक फिक्स्ड फीस लगाए. जो मौजूदा समय में स्टॉक एक्सचेंजेज चार्ज करते हैं. इस बदलाव से सदस्यों के बीच साइज या एक्टिविटी पर आधारित फायदे खत्म हो जाएंगे.

SEBI ने जुलाई में जारी किया था निर्देश

SEBI का कहना है कि मौजूदा फीस स्ट्रक्चर पारदर्शी नहीं है. SEBI ने जुलाई में जारी निर्देश में स्टॉक एक्सचेंजेज को स्टॉक ब्रोकर्स और डिपॉजिटरी भागीदारों जैसे सदस्यों के लिए फीस तय करते समय कुछ सिद्धांतों का पालन करने के लिए कहा था, जिससे एंड क्लाइंट्स के लिए पारदर्शिता सुनिश्चित हो.

मार्केट रेगुलेटर की गाइडलाइंस के मुताबिक MCX ने कहा था कि सदस्यों को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि एक्सचेंज ट्रांजैक्शन फीस अगर एंड क्लाइंट से रिकवर की जाती है, तो ये लेबल के मुताबिक सही होनी चाहिए.

इसका मतलब है कि सदस्यों द्वारा एंड क्लाइंट पर लगाई गई फीस सदस्य पर एक्सचेंज की ओर से चार्ज की जाने वाली राशि से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

MCX ने F&O कॉन्ट्रैक्ट्स की ट्रांजैक्शन फीस में बदलाव बाजार बंद होने के बाद किया था. NSE पर इसका शेयर 0.08% की तेजी के साथ 5,879.35 रुपये पर बंद हुआ.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT