बिटकॉइन की रिकॉर्ड-तोड़ रैली ने डिजिटल एसेट को $89,000 के पार पहुंचा दिया. इसी के साथ क्रिप्टो मार्केट की ओवरऑल वैल्यू महामारी-युग के शिखर से ऊपर पहुंच गई है. कारण कि ट्रेडर्स नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के सत्ता में लौटने के साथ ही इस पर दांव लगा रहे हैं.
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, 5 नवंबर को अमेरिकी चुनाव के बाद से बिटकॉइन करीब 32% उछल गया है और मंगलवार की सुबह ये 89,599 डॉलर के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया. सिंगापुर में सुबह 9:25 बजे तक ये क्रिप्टोकरेंसी 89,165 डॉलर पर पहुंच गई.
क्रिप्टोकरेंसी को मिल रहे उछाल के पीछे अमेरिका में आने वाले समय में संभावित नीतियां बड़ी वजह बताई जा रही है. दरअसल, ट्रंप ने क्रिप्टो नियमों को और अधिक अनुकूल बनाने की कसम खाई है और उनकी रिपब्लिकन पार्टी उनके एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस पर अपनी पकड़ मजबूत कर रही है.
उनकी अन्य घोषणाओं में एक स्ट्रैटेजिक US बिटकॉइन स्टॉकपाइल स्थापित करना और इसके डोमेस्टिक माइनिंग को बढ़ावा देना शामिल है.
ट्रंप का रुख, जो बाइडेन प्रशासन के तहत सिक्योरिटी एक्सचेंज कमीशन की ओर से इंडस्ट्री पर कार्रवाई के बाद एक बड़ा बदलाव है. कॉइनगेको डेटा (CoinGecko Data) से पता चलता है कि इस बदलाव ने बड़े और छोटे टोकन की सट्टेबाजी को बढ़ावा दिया है, जिससे डिजिटल एसेट की वैल्यू करीब 3.1 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ गई है.
पेप्परस्टोन ग्रुप के रिसर्च हेड क्रिस वेस्टन ने एक नोट में लिखा है कि बिटकॉइन ‘बीस्ट मोड’ में है. जो ट्रेडर्स अब तक तैयार नहीं हैं, उनके लिए सवाल ये है कि क्या इस रेड-हॉट प्ले का पीछा करने के लिए अभी भी जगह है या फिर थोड़ी-सी वापसी और तेज प्रवृत्ति के कुछ डाउन होने का इंतजार करें.
डेरीबिट एक्सचेंज के डेटा के अनुसार, ऑप्शंस मार्केट में निवेशक इस बात पर दांव लगा रहे हैं कि बिटकॉइन साल के अंत तक 100,000 डॉलर को पार कर जाएगा.
इस बीच, सॉफ्टवेयर फर्म माइक्रोस्ट्रेटजी ने 31 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच 27,200 बिटकॉइन करीब 2 बिलियन डॉलर में खरीदे.
ट्रेडर्स अभी इस तरह के सवालों पर कम ध्यान दे रहे हैं कि ट्रंप अपने एजेंडे को कितनी जल्दी लागू करेंगे या रणनीतिक स्टॉकपाइल एक रियलिस्टिक कदम है भी या नहीं.
2024 में अब तक बिटकॉइन की वैल्यू दोगुने से ज्यादा हो गई है, जिसे US ETF की हाई डिमांड और फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती के फैसले से मदद मिली है. क्रिप्टो में ग्रोथ, ग्लोबल स्टॉक और सोने गोल्ड निवेशों से मिलने वाले रिटर्न से अधिक है.
फेयरलीड स्ट्रैटेजीज की तकनीकी विश्लेषक कैटी स्टॉकटन ने अपने रिसर्च नोट में कहा है कि इस तरह की तेज उछाल के बाद डायजेशन पीरियड देखना स्वाभाविक होगा. उन्होंने ‘शॉर्ट टर्म न्यूट्रल बायस’ की सिफारिश की.
बता दें कि डिजिटल-एसेट कंपनियों ने अमेरिकी चुनाव अभियान के दौरान अपने हितों के अनुकूल उम्मीदवारों को बढ़ावा देने के लिए भारी खर्च किया. वहीं उनके समर्थन ने बिटकॉइन को ट्रंप के तथाकथित ट्रेडों की एक सीरीज में बदल दिया.