देश में बिना लोकल रजिस्ट्रेशन के काम कर रहे क्रिप्टो एक्सचेंज पर भारत ने कार्रवाई तेज कर दी है, ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक एप्पल को कहा गया है कि वो अपने ऐप स्टोर से ऐसे प्लेटफॉर्म ऐप्स को हटाएं जिसमें बाइनांस (Binance) भी शामिल है.
Bitfinex, HTX और Kucoin उन आठ एक्सचेंजों में शामिल हैं, जिनके ऐप अब भारत में ऐप स्टोर पर उपलब्ध नहीं हैं. ब्लूमबर्ग को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक इन ऐप्स को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के निर्देश पर हटा दिया गया था.
बाइनांस जैसे विदेशी क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर उठाया गया ये कदम इस बात को दर्शाता है कि भारत ऐसे प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ सख्ती बढ़ा रहा है, जो कि 28 दिसंबर को शुरू हुआ था जब अथॉरिटीज ने 9 एक्सचेंजों को उनके कामकाज करने के तौर-तरीकों पर संदेह जताते हुए नोटिफाई किया था. भारतीय क्रिप्टो ट्रेडर्स अपने पैसे गंवाने के डर से पहले ही देश के नियम कानूनों के तहत काम करने वाले लोकल एक्सचेंजों में अपना पैसा ट्रांसफर करना शुरू कर चुके हैं.
ब्लूमबर्ग को एक सूत्र ने बताया कि भारतीय अथॉरिटीज ने एल्फाबेट से भी कहा है कि वो गूगल से ऐसे ऐप्स को तुरंत हटाएं. दरअसल, एप्पल के ऐप स्टोर से जिन क्रिप्टो ऐप्स को हटाया जा चुका है, बुधवार दोपहर 2 बजे तक वो गूगल के ऐप स्टोर में मौजूद थे. एप्पल, गूगल और भारत के टेक्नोलॉजी मंत्रालय से इस पर कमेंट मांगा गया था, लेकिन अभी तक कोई टिप्पणी नहीं आई है.
भारत की फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट (FIU) ने 28 दिसंबर को 9 ऑफशोर प्लेटफार्म्स को तथाकथित कंप्लायंस कारण बताओ नोटिस जारी किया और सूचना मंत्रालय से इनके URLs को ब्लॉक करने के लिए भी कहा. उस समय FIU ने कहा था कि एक्सचेंज मनी-लॉन्ड्रिंग विरोधी कानूनों का पालन किए बिना भारत में अवैध रूप से काम कर रहे हैं. उनकी वेबसाइट्स अब भी भारत में काम कर रही हैं.
इस ऐलान में शामिल किए गए एक्सचेंजों में से केवल Bitstamp ही था जो बुधवार को भी लोकल ऐप स्टोर में डाउनलोड के लिए मौजूद था. जबकि, US-बेस्ड Kraken ऑफर के दो वर्जन में से केवल प्रो वर्जन ही मौजूद था.
बाइनांस, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज है, दुनिया भर के रेगुलेटर्स की इस पर टेढ़ी नजर है. क्योंकि इस पर बिना लाइसेंस के लोकल यूजर्स को अपनी सेवाएं देने का आरोप है. दुनिया भर के कई देशों ने इस पर बैन लगाया है. बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया के बाद अब भारत भी इस लिस्ट में शामिल हो चुका है जिसने बाइनांस पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिसका कहना है कि उसका कोई ग्लोबल हेडक्वार्टर नहीं है और नवंबर में वो 4.3 बिलियन डॉलर का भुगतान करने पर राजी हुआ है, क्योंकि उसे अमेरिका में एंटी मनी लॉन्ड्रिंग के नियमों का दोषी पाया गया था.
HTX, जिसे पहले हुओबी (Huobi) के नाम से जाना जाता था, उसने कहा कि इसका भारत में कोई कामकाज नहीं है, Bitfinex, KuCoin, Bitstamp और क्रैकन ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है.
भारत सरकार ने पिछले साल क्रिप्टो सेक्टर पर मनी-लॉन्ड्रिंग प्रावधान लागू किए थे. साल 2022 में, भारत ने ट्रांजैक्शन पर टैक्स लगाकर लोकल क्रिप्टो एक्सचेंजों को एक बड़ा झटका दिया, जिससे ट्रेडिंग वॉल्यूम तुरंत कम हो गया.
लोकल एक्सचेंजों ने ये शिकायत की थी कि 1% के TDS लगाने से भारतीय क्रिप्टो ट्रेडर्स विदेशी प्लेटफॉर्म्स की तरफ चले गए, जो कि ये टैक्स नहीं लगाते हैं, जिससे उनकी कमाई पर असर पड़ा है.
CoinDCX के CEO सुमित गुप्ता ने अनुमान लगाया था कि 95% ट्रेडिंग वॉल्यूम विदेशी प्लेटफॉर्म्स पर चला गया था.