डॉलर के मुकाबले रुपया ने ऐतिहासिक कमजोरी दर्ज की है. डॉलर के मुकाबले रुपया आज पहली बार 87 के स्तर को भी पार कर गया है. सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 58 पैसे की गिरावट के साथ 87.195 के रिकॉर्ड लो पर बंद हुआ. शुक्रवार को ये 86.62 पर बंद हुआ था.
आज रुपया 41 पैसे की बड़ी कमजोरी के साथ 87.02 पर खुला, जो कि फरवरी 2023 के बाद सबसे खराब ओपनिंग रही.
खुलने के बाद भी इसमें कमजोरी थमी नहीं, ये 55 पैसे कमजोर होकर 87.17 के स्तर तक गिर गया. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर की शुरुआत ने डॉलर को मजबूत किया है. डॉलर इंडेक्स 1.4% की मजबूती के साथ 109.84 तक पहुंच गया.
बीते 3-4 महीनों के दौरान रुपये में लगातार कमजोरी देखने को मिल रही है. साल 2024 में डॉलर के मुकाबले रुपया 2.78% तक टूटा है, ये लगातार सातवां साल रहा जब रुपया कमजोर हुआ. ट्रंप की ओर से चीन, कनाडा और मैक्सिको पर ट्रेड टैरिफ लगाने के बाद ग्लोबल ट्रेड वॉर की चिंताएं बढ़ गईं हैं. जिसके बाद रुपये में इतनी बड़ी गिरावट देखी गई.
इस कदम से ये चिंता भी पैदा हो गई कि ट्रंप ने जो टैरिफ की लड़ाई शुरू की है, उसका अंजाम आगे क्या होगा, क्या वो अमेरिका में इंपोर्ट होने वाले सभी सामानों पर 10% का टैरिफ लगाएंगे. भारत भी अमेरिका को कई सामानों का एक्सपोर्ट करता है, इसलिए ये खतरा भारत के लिए भी है.
हालांकि चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर वी अनंत नागेश्वरन का कुछ और कहना है, उन्होंने ब्लूमबर्ग से कहा कि अमेरिका के टैरिफ और उसका रुपये पर क्या असर होगा, इसे लेकर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. बजट में टैक्स में कटौती की गई है, ताकि प्राइवेट सेक्टर कैपेक्स को बूस्ट किया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार को फाइनेंशियल मार्केट्स के जरिए अमेरिकी टैरिफ का असर दिखने की संभावना है, क्योंकि ग्लोबल अनिश्चितताएं बहुत अधिक बनी हुई हैं.