निवेशक जिम रोजर्स ने वैश्विक अनिश्चितताओं के दौर में भारत के लिए अपनी पॉजिटिव सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा है कि दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्था उन स्थानों में से एक है, जहां वह निवेश करना चाहते हैं. रोजर्स ने मंगलवार को NDTV प्रॉफिट के साथ बातचीत में भारत की आर्थिक दिशा में बढ़ते विश्वास बताया और देश के लिए सकारात्मक सोच बनाए रखने के लिए कहा.
82 साल के जिम रोजर्स ने कहा कि, 'पिछले कुछ सप्ताहों में भारत निवेश के लिए मेरे लिए अधिक विश्वसनीय बन गया है. मैं अब भारत में अधिक निवेश करना चाहता हूं. कुछ हुआ है और मुझे उम्मीद है कि मैं सही हूं.
जिम रोजर्स का ये बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय शेयर बाजार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. भारत का निफ्टी-50 24,500 के आंकड़े को छू चुका है, साथ ही सितंबर के अपने रिकॉर्ड लेवल के अंतर को 6.5% तक कम कर दिया है.
रोजर्स के अनुसार, अमेरिका-चीन में ट्रेड वार्ता की खबरों ने बाजार को पॉजिटिव किया है, लेकिन ट्रंप के साथ समस्या ये है कि अगले सप्ताह तक वो अपना मन बदल लेंगे. मेरे लिए ये इस बात पर निर्भर करता है कि ट्रंप क्या करते हैं. इससे निवेशकों के लिए अमेरिका के नीतिगत फैसलों का अनुमान लगाना कठिन हो जाता है.
अमेरिकी बाजारों में हाल ही में हुई तेजी के बावजूद रोजर्स ने कहा कि वे अभी अलर्ट मोड पर हैं. 'मेरे पास व्यक्तिगत रूप से बहुत सारा अमेरिकी डॉलर कैश है, हालांकि बाजार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. मैं जानता हूं कि वाशिंगटन को नहीं पता कि वह वास्तव में क्या चाहता है? इसलिए मुझे निवेशक के तौर पर अभी तक कोई स्थिरता नहीं दिख रही है. बाजार में अस्थिरता से निपटना कठिन होता जा रहा है, क्योंकि अमेरिकी नीति लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए कंफ्यूजन से भरी हुई हैं.