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ह्युंदई इंडिया ने SEBI में IPO की अर्जी दी, 14.2 करोड़ शेयर बेचेगी, करीब $3 बिलियन जुटाएगी

इस ऑफर में कंपनी के 17.5% बिकेंगे. ये IPO पूरी तरह ऑफर फॉर सेल यानी OFS होगा.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी10:38 AM IST, 15 Jun 2024NDTV Profit हिंदी
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ह्यूंदई इंडिया के IPO का इंतजार खत्म हो गया है. कंपनी ने SEBI में IPO के लिए DRHP दाखिल कर दी है. जुटाई गई रकम के हिसाब से ये भारत के सबसे बड़े IPO हो सकता है. इस ऑफर में कंपनी के 17.5% या 14.2 करोड़ शेयर जारी किए जाएंगे. ये पूरी तरह OFS यानी ऑफर फॉर सेल होगा.

ह्यूंदई इंडिया 18 से 20 बिलियन के वैल्यूएशन पर ये IPO ला रही है और इससे करीब $3 बिलियन जुटाएगी.

IPO के लिए सिटी, HSBC, कोटक, मॉर्गन स्टैनली मर्चेंट बैंकर्स होंगे. इसके लिए इन्वेस्टर रोडशो अगस्त में शुरू किए जा सकते हैं.

LIC के बाद सबसे बड़ा IPO

माना जा रहा है कि LIC के बाद ये सबसे बड़ा IPO होगा. LIC का IPO अभी तक का सबसे बड़ा रहा है, जिसका साइज करीब 21 हजार करोड़ रुपये का था.

अभी तक देश में सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी का आईपीओ सबसे ज्यादा वैल्यू वाला पब्लिक ऑफर है जिसका साइज करीब 21 हजार करोड़ रुपये था. ह्यूंदई मोटर को DRHP फाइल होने के 60-90 दिनों के भीतर SEBI अपनी मंजूरी दे सकती है.

बीते दो दशक से कोई भी कार बनाने वाली कंपनी भारत में IPO लेकर नहीं आई, मारुति के बाद ह्यूंदई IPO ला रही है, मारुति साल 2003 में IPO लेकर आई थी. Maruti Suzuki India तब Maruti Udyog Ltd. के नाम से लिस्ट हुई थी.

ह्युंदई ने भारत की नब्ज को समझा

कदम रखा था. ह्युंदई 15% मार्केट शेयर के साथ ये दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी है. देखने वाली बात ये है कि ह्युंदई ने भारत के उपभोक्ताओं को किस बेहतर तरीके से समझा है, एक विदेशी कंपनी होने के बावजूद वो भारत के कार मार्केट में टिक गई, और मारुति जैसी कंपनी को टक्कर देती रही. कई दूसरी विदेशी कंपनियां जैसे फोर्ड मोटर्स और जनरल मोटर्स दुनिया में तो अपना दबदबा कायम रखने में कामयाब रहीं, लेकिन भारत, जो कि दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार मार्केट है, टिक नहीं पाईं और बाहर हो गईं.

भारत में ह्युंदई के पैर किस कदर मजबूती से जमे हुए हैं, इसको ऐसे समझें कि भारत में बिकने वाली हर चार कार में से एक कार ह्युंदई की होती है. दरअसल, अप्रैल महीने में ह्युंदई ने भारत में लगभग उतनी ही कारें बेचीं, जितनी अपने देश दक्षिण कोरिया में बेचीं. दक्षिण कोरिया में इसने 4.4% सालाना गिरावट के साथ 63,733 कारें बेचीं, जबकि भारत में, बिक्री में बिक्री 10% और कुल 63,701 कारें बेचीं. इसमें 50,201 कारों की बिक्री घरेलू रही जबकि 13,500 कारों को एक्सपोर्ट किया गया

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