बाजार में एक और IPO कतार में है, बजाज हाउसिंग फाइनेंस (Bajaj Housing Finance Ltd.) का IPO 9 सितंबर को खुल रहा है, इसका प्राइस बैंड 66-70 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. IPO के जरिए बजाज हाउसिंग फाइनेंस 6,560 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. ये IPO 11 सितंबर तक खुला रहेगा.
अपर प्राइस बैंड पर इसकी वैल्युएशन करीब 58,297 करोड़ रुपये है. IPO में 3,560 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे, जबकि 3,000 करोड़ रुपये का ऑफर-फॉर-सेल शामिल होगा.
मंगलवार को कंपनी के प्राइस बैंड विज्ञापन के मुताबिक इसका लॉट साइज 214 शेयरों का होगा, यानी कम से कम 214 शेयरों के लिए बोली लगानी होगी इसके बाद इसके मल्टीपल में बोलियां लगाई जा सकेंगी. अपर प्राइस बैंड पर न्यूनतम 14,980 रुपये आपको लगाने होंगे.
कोटक महिंद्रा कैपिटल, बोफा सिक्योरिटीज इंडिया, एक्सिस कैपिटल, गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज, SBI कैपिटल मार्केट्स, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड और IIFL सिक्योरिटीज इश्यू के लिए बुक-रनिंग लीड मैनेजर हैं.
कंपनी IPO से जुटाए गए फंड का इस्तेमाल अपने कैपिटल बेस को बढ़ाने में करेगी, ताकि भविष्य की बिजनेस जरूरतों के लिए फंड की व्यवस्था की जा सके. मतलब कर्ज देने की क्षमता बढ़ाई जा सके.
एंकर इन्वेस्टर्स के लिए IPO 6 सितंबर को खुलेगा. एंकर इन्वेस्टर्स QIB (Qualified Institutional Buyers) का 60% हिस्सा तक सब्सक्राइब कर सकते हैं. जबकि इसका एक तिहाई आवंटन घरेलू म्यूचुअल फंड्स के लिए रखा गया है.
कर्मचारियों के कोटे को 'पोस्ट ऑफर पेड अप इक्विटी शेयर कैपिटल' का 5% (अधिकतम) रखा गया है.
नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स की बात करें तो जो 2 से 10 लाख रुपये के बीच में इक्विटी शेयर्स में फंड निवेश करने के लिए अप्लाई कर रहे हैं, उनके लिए एक तिहाई हिस्सा रिजर्व है. जबकि दो तिहाई हिस्सा 10 लाख रुपये से ज्यादा का निवेश करने वालों के लिए रिजर्व है.
Q4 में बजाज हाउसिंग फाइनेंस का PAT (Profit After Tax)/शुद्ध मुनाफा 381 करोड़ रुपये रहा. ये सालाना आधार पर 26% की ग्रोथ है.
वहीं कंपनी की नेट इंटरेस्ट इनकम में 11% (YoY) का इजाफा हुआ और ये 629 करोड़ रुपये रही थी.
कंपनी के AUM में सालाना आधार पर 32% का इजाफा हुआ है और AUM बढ़कर 91,370 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
वहीं नेट टोटल इनकम 14% (YoY) बढ़कर 717 करोड़ रुपये पर पहुंच गई.
कंपनी के कर्ज वितरण में भी सालाना आधार पर 26% का इजाफा दर्ज किया गया और कर्ज वितरण बढ़कर 11,393 करोड़ रुपये पहुंच गया.