दिवाली के बाद IPO मार्केट में हलचल बढ़ गई है. मौजूदा सप्ताह के दौरान 24 अक्टूबर तक 5 बड़े IPO खुले रहेंगे. ये पांचों कंपनियां प्राइमरी मार्केट (IPOs) से 7,378.67 करोड़ रुपये जुटा रही हैं
इनमें इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) का IPO 21 नवंबर से 23 नवंबर तक खुला है. जबकि 22 से 24 नवंबर तक फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज (Fedbank Financial Services), गांधार ऑयल रिफाइनरी इंडिया (Gandhar Oil Refinery India), फ्लेयर राइटिंग (Flair Writing) और टाटा टेक्नोलॉजीज (Tata Technologies) के IPO खुले हैं.
IPO से कौन जुटा रहा है कितने रुपये
इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) 2150.21 Cr
फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज (Fedbank Financial) 1092.26 Cr
गांधार ऑयल रिफाइनरी इंडिया (Gandhar Oil Refinery) 500.69 Cr
फ्लेयर राइटिंग (Flair Writing) 593.00 Cr
टाटा टेक्नोलॉजीज (Tata Technologies) 3042.51 Cr
इसके बाद भी कई छोटी बड़ी कंपनियां IPO लाने की कतार में हैं. जिन कंपनियों के IPO आने की चर्चा है, उनमें बालाजी स्पेश्यालिटी केमिकल्स, आधार हाउसिंग फाइनेंस, नवी टेक्नोलॉजी, मोबिक्विक (MobiKwik), इक्जिगो (Ixigo), स्नैपडील (Snapdeal) और ओयो (OYO) जैसी कंपनियां शामिल हैं.
मौजूदा साल अब तक IPO मार्केट के लिए बेहतर रहा है. इस साल कुछ IPO ऐसे रहे हैं, जिन्होंने निवेशकों को 100 फीसदी या इससे भी ज्यादा रिटर्न दिए हैं.
कंपनी रिटर्न
प्लाजा वायर्स (Plaza Wires) 104%
उत्कर्ष एसएफबी (Utkarsh SFB) 103%
सेनको गोल्ड (Senco Gold) 121%
सायंट डीएलएम (Cyient DLM) 152%
इनके अलावा भी कई IPO हैं, जिन्होंने लिस्टिंग से अब तक 50 से 90 फीसदी तक रिटर्न दिए हैं. फिलहाल IPO मार्केट में हलचल बनी हुई है और ये एक्शन आगे भी जारी रहने वाला है. ऐसे में अगर आप भी कुछ खास बातों पर ध्यान देकर IPO में पैसे लगाएं तो हाई रिटर्न हासिल कर सकते हैं. लेकिन IPO मार्केट से पैसे बनाने के लिए निवेश करते समय इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
IPO में पैसे लगाने के पहले कंपनी के फाइनेंशियल आंकड़े जरूर देखें. कंपनी प्रॉफिटेबल है या नहीं, आगे मुनाफे का ट्रैक रिकॉर्ड बनाए रख सकती है या नहीं. मुनाफे वाली कंपनियों के बारे में बाजार के सेंटीमेंट भी बेहतर होते हैं क्योंकि ऐसी कंपनियां बिजनेस में लगातार पैसे लगा सकती हैं और निवेशकों को आगे डिविडेंड भी दे सकती हैं.
किसी IPO में शेयर की कीमत देखने की बजाय ये देखें कि उसका वैल्यूएशन कैसा है. कीमत में सस्ता लगने वाला शेयर किसी ज्यादा भाव वाले शेयर की तुलना में ज्यादा वैल्युएबल हो सकता है. इसके लिए P/E यानी प्राइस/अर्निंग रेशियो पर गौर करें, जो बताता है कि मौजूदा कीमत पर कोई शेयर कितना महंगा या सस्ता है. P/E जितना ज्यादा होगा, शेयर उतना महंगा है. P/E रेशियो की तुलना उसी इंडस्ट्री की उन कंपनियों से करें, जो तकरीबन उतनी ही साइज की हों. जिस कंपनी के फाइनेंशियल में ग्रोथ है, उसके शेयर में हाई रिटर्न की गुंजाइश होती है.
एक्सपर्ट अक्सर कहते हैं कि सफल निवेशक बनना है तो सही बिजनेस में पैसे लगाएं. आज की कड़ी प्रतियोगिता में कोई भी कंपनी लंबे समय तक तभी टिकती है या अपने सेक्टर में मजबूत बनी रहती है, जब उसका बिजनेस मॉडल लंबे समय तक मुनाफा देने वाला हो. इसके अलावा ग्राहकों की जरूरतों के हिसाब से कंपनी का इनोवेशन पर फोकस करना भी जरूरी है. वक्त के हिसाब से अपने बिजनेस मॉडल में बदलाव करने और प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में इनोवेशन करने पर ध्यान देने वाली कंपनी ही लगातार मजबूत बिजनेस परफॉर्मेंस दिखा सकती है.
कंपनी के IPO में पैसे लगाने से पहले चेक कर लें कि कंपनी पर कितना कर्ज है. अगर कंपनी पर कर्ज ज्यादा है तो उसे चुकाने के लिए बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है. वहीं जो कंपनियां कर्जमुक्त हैं या जिन पर बहुत कम कर्ज है या जो लगातार अपना डेट कम कर रही हैं, वे अपने मुनाफे का एक हिस्सा बिजनेस बढ़ाने पर निवेश कर सकती हैं. अगर कंपनी फ्री कैश फ्लो जेनरेट कर रही है तो इसका मतलब यह हुआ कि आगे ग्रोथ करने के मौके अच्छे हैं. कैश फ्लो जनरेट करने वाली कंपनी आसानी से अपना कर्ज खत्म कर सकती है.
कंपनी के मैनेजमेंट और प्रमोटर्स का बैकग्राउंड देखना भी बहुत जरूरी है. अच्छे मैनेजमेंट या प्रमोटर्स वाली कंपनियों में ग्रोथ के चांस ज्यादा होते हैं, क्योंकि इनका फोकस कस्टमर्स और इन्वेस्टर्स के साथ बेहतर रिलेशन रखते हुए बिजनेस को लगातार मजबूती देने पर रहता है.