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Groww IPO: स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी Groww ने गोपनीय रूट से दाखिल किया IPO, $1 बिलियन जुटाने की योजना

ये एक वैकल्पिक मैकेनिज्म है, जिसके तहत कंपनियां अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस को जनता के सामने लाए बिना अपना IPO दाखिल करती हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी10:54 AM IST, 26 May 2025NDTV Profit हिंदी
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स्टॉक ब्रोकिंग फर्म ग्रो (Groww) ने IPO के लिए मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास गोपनीय प्री-फाइलिंग रूट के जरिए ड्राफ्ट पेपर दाखिल किया है. ग्रो को NSE और BSE दोनों पर लिस्ट करने की योजना है, जिसमें एक शेयर की फेस वैल्यू 2 रुपये होगी.

गोपनीय रूट क्यों चुना?

NDTV प्रॉफिट ने पहले बताया था कि कंपनी IPO के जरिए करीब 1 बिलियन डॉलर जुटाने की योजना बना रही है, जिसमें नए शेयर और ऑफर फॉर सेल दोनों ही शामिल होंगे. ग्रो ने कॉन्फिडेंशयल प्री-फाइलिंग रूट का विकल्प चुना है, जिसमें ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के तहत IPO डिटेल्स के पब्लिक डिस्क्लोजर की जरूरत नहीं होती है. ये रूट उन भारतीय फर्मों के बीच लोकप्रिय हो रहा है जो अपने IPO योजनाओं में लचीलापन चाहते हैं.

ग्रो के शुरुआती निवेशकों में टाइगर ग्लोबल, पीक XV पार्टनर्स, रिबिट कैपिटल, वाईसी कॉन्टिन्यूटी और प्रोपेल वेंचर पार्टनर्स शामिल हैं. इस डील के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि DRHP दाखिल करने से पहले, ग्रो एक बड़े प्री-IPO राउंड के हिस्से के रूप में GIC से $150 मिलियन तक जुटाने की प्रक्रिया में था. इस दौर के बाद एक IPO कंपनी का मूल्य $8 बिलियन तक हो सकता है.

ग्रो ने 2016 में एक म्यूचुअल फंड निवेश मंच के रूप में शुरुआत की और 2020 में स्टॉक, IPO और ETF ऑफरिंग के जरिए अपना दायरा बढ़ाया. 2021 में अपने अंतिम फंडिंग दौर में प्लेटफॉर्म का मूल्य $3 बिलियन था, जिसका नेतृत्व आइकोनिक ग्रोथ ने किया था, साथ ही अल्केन, लोन पाइन कैपिटल और स्टीडफास्ट जैसे अन्य निवेशकों ने भी इसमें हिस्सा लिया था.

ग्रो की बड़ी डील्स

इससे पहले मार्च में, फिनटेक दिग्गज ने करीब 150 मिलियन डॉलर या लगभग 1,280 करोड़ रुपये में पूरी तरह से कैश डील में वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी फिसडम का अधिग्रहण करने के लिए एक निश्चित समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इसके पूरा होने से ग्रो की क्षमताओं को बढ़ावा मिलने और वेल्थ मैनेजमेंट सेक्टर में इसकी ऑफरिंग्स का विस्तार होने की संभावना है. मई 2023 में इंडियाबुल्स AMC डील के बाद ये कंपनी का दूसरा सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा.

इसके साथ ही ग्रो उन कंपनियों की बढ़ती कतार में सबसे नई कंपनी बन गई है, जो प्री-फाइल्ड कॉन्फिडेंशियल रूट से गुजरी है. DRHP तभी जारी किया जाता है जब कंपनी अपने IPO के साथ लाइव होने का फैसला करती है. गोपनीय फाइलिंग के जरिए एक कंपनी को अपने प्रतिस्पर्धियों से संवेदनशील डेटा छिपाने कि इजाजत मिलती है.

2022 में गोपनीय रूट की शुरुआत

ये एक वैकल्पिक मैकेनिज्म है, जिसके तहत कंपनियां अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस को जनता के सामने लाए बिना अपना IPO दाखिल करती हैं. SEBI ने दिसंबर 2022 में इसकी शुरुआत की थी और टाटा प्ले इसका इसका इस्तेमाल करने वाली पहली कंपनी बनी थी.

इस महीने की शुरुआत में, लॉजिस्टिक्स फर्म शिपरॉकेट ने भी कॉन्फिडेंशियल रूट के जरिए अपने ड्राफ्ट पेपर दाखिल किए. पिछले महीने टाटा कैपिटल ने भी इसी प्रक्रिया का इस्तेमाल किया, जिसमें एडटेक प्रमुख फिजिक्सवाला, EQT सपोर्टेड इंदिरा IVF, स्विगी लिमिटेड, क्रेडिला फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड और विशाल मेगा मार्ट जैसी कंपनियां शामिल हैं

आम तौर पर, गोपनीय IPO दाखिल करने की प्रक्रिया पारंपरिक प्रक्रिया की तुलना में ज्यादा समय लेने वाली होती है और इसमें एडवायजरी और कानूनी फीस ज्यादा होती है. हालांकि प्री-फाइल्ड DRHP का यह मतलब नहीं है कि कंपनी IPO लेकर आएगी.

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