HDFC बैंक की सब्सिडियरी HDB फाइनेंशियल सर्विसेस को IPO के लिए SEBI से जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है. NDTV Profit को सूत्रों ने बताया कि बाजार नियामक की मंजूरी इस सप्ताह के अंत तक आ सकती है.
इस IPO को लेकर SEBI की मुख्य चिंता HDB फाइनेंशियल के प्राइवेट मार्केट में शेयरों की अधिक ट्रेडिंग थी, जिसे अब सुलझा लिया गया है. Bloomberg ने सबसे पहले ये खबर दी थी कि ये प्रमुख नॉन-बैंकिंग वित्तीय कंपनी SEBI की मंजूरी के काफी करीब है.
HDB फाइनेंशियल सर्विसेस, HDFC बैंक की सब्सिडियरी है, जिसमें बैंक की 94.6% हिस्सेदारी है. अक्टूबर 2024 में बैंक ने स्पष्ट किया था कि IPO के बाद भी यह HDFC बैंक की सब्सिडियरी बनी रहेगी.
दरअसल, भारतीय रिज़र्व बैंक ने निर्देश दिया है कि बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को सितंबर 2025 तक स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होना अनिवार्य है. इसी निर्देश के तहत HDB फाइनेंशियल सर्विसेस IPO ला रही है.
IPO से मिलने वाली राशि का उपयोग कंपनी अपने Tier-I पूंजी आधार को मजबूत करने, भविष्य की पूंजी जरूरतों और बिजनेस विस्तार के लिए करेगी. DRHP के अनुसार, कंपनी IPO से पहले प्री-IPO प्लेसमेंट का भी विचार कर सकती है. हालांकि, ऑफर प्राइस, प्राइस बैंड और न्यूनतम बोली आकार जैसे निर्णय अभी लिए जाने बाकी हैं. कंपनी के शेयर NSE और BSE दोनों पर लिस्ट किए जाएंगे.
वित्त वर्ष 2024-25 की मार्च तिमाही में कंपनी का नेट मुनाफा सालाना आधार पर 19% गिरकर ₹531 करोड़ रहा. हालांकि, तिमाही आधार पर इसमें 12% की ग्रोथ दर्ज की गई. संचालन से कुल राजस्व ₹4,266 करोड़ और ब्याज से आय ₹3,623 करोड़ रही. इस दौरान खर्चों में 28% की बढ़ोतरी देखी गई.
अप्रैल 2025 में टाटा कैपिटल ने भी RBI के निर्देश के तहत अपना ₹2 बिलियन का IPO प्रस्ताव गोपनीय रूप से दाखिल किया था.
NDTV Profit ने इस खबर पर HDFC बैंक और SEBI से भी प्रतिक्रिया मांगी है.