ह्यूंदई मोटर के IPO का इंतजार खत्म होने जा रहा है, मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि कंपनी आज ही SEBI में इसके लिए DRHP दाखिल करने वाली है. माना जा रहा है कि ये भारत के सबसे बड़े IPO में से एक होगा.
NDTV प्रॉफिट को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक IPO के लिए Hyundai India आज ही SEBI में अप्लाई करेगी. इस ऑफर में कंपनी के 17.5% या 14.2 करोड़ शेयर जारी किए जाएंगे.
IPO के लिए सिटी, HSBC, कोटक, मॉर्गन स्टैनली मर्चेंट बैंकर्स होंगे. IPO के लिए इन्वेस्टर रोडशो अगस्त में शुरू किए जा सकते हैं.
माना जा रहा है कि LIC के बाद ये सबसे बड़ा IPO होगा. LIC का IPO अभी तक का सबसे बड़ा रहा है, जिसका साइज करीब 21 हजार करोड़ रुपये का था.
अभी तक देश में सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी का आईपीओ सबसे ज्यादा वैल्यू वाला पब्लिक ऑफर है जिसका साइज करीब 21 हजार करोड़ रुपये था. DRHP फाइल होने के 60-90 दिनों के भीतर SEBI अपनी मंजूरी दे सकती है.
बीते दो दशक से कोई भी कार बनाने वाली कंपनी भारत में IPO लेकर नहीं आई, मारुति के बाद ह्यूंदई IPO ला रही है, मारुति साल 2003 में IPO लेकर आई थी. Maruti Suzuki India तब Maruti Udyog Ltd. के नाम से लिस्ट हुई थी.
अगर लिस्टिंग सफल रहती है तो ह्यूंदई इंडिया का मार्केट कैप सियोल में उसकी पैरेंट कंपनी 47 बिलियन डॉलर के वैल्युएशन का आधा होगा.
ह्युंदई मोटर ने साल 1998 में अपनी सबसे ज्यादा बिकने वाली कार सैंट्रो के साथ भारत में कदम रखा था. ह्युंदई 15% मार्केट शेयर के साथ ये दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी है. देखने वाली बात ये है कि ह्युंदई ने भारत के उपभोक्ताओं को किस बेहतर तरीके से समझा है, एक विदेशी कंपनी होने के बावजूद वो भारत के कार मार्केट में टिक गई, और मारुति जैसी कंपनी को टक्कर देती रही. कई दूसरी विदेशी कंपनियां जैसे फोर्ड मोटर्स और जनरल मोटर्स दुनिया में तो अपना दबदबा कायम रखने में कामयाब रहीं, लेकिन भारत, जो कि दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार मार्केट है, टिक नहीं पाईं और बाहर हो गईं.
भारत में ह्युंदई के पैर किस कदर मजबूती से जमे हुए हैं, इसको ऐसे समझें कि भारत में बिकने वाली हर चार कार में से एक कार ह्युंदई की होती है. दरअसल, अप्रैल महीने में ह्युंदई ने भारत में लगभग उतनी ही कारें बेचीं, जितनी अपने देश दक्षिण कोरिया में बेचीं. दक्षिण कोरिया में इसने 4.4% सालाना गिरावट के साथ 63,733 कारें बेचीं, जबकि भारत में, बिक्री में बिक्री 10% और कुल 63,701 कारें बेचीं. इसमें 50,201 कारों की बिक्री घरेलू रही जबकि 13,500 कारों को एक्सपोर्ट किया गया