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Hyundai IPO: ह्युंदई मोटर इंडिया के IPO को SEBI ने दी मंजूरी; इश्यू के जरिए 3 बिलियन डॉलर जुटाने की योजना

Hyundai इंडिया, करीब 20 बिलियन डॉलर की वैल्‍यूएशन पर IPO के जरिये 3 बिलियन डॉलर जुटाने वाली है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी08:15 AM IST, 25 Sep 2024NDTV Profit हिंदी
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ह्युंदई मोटर इंडिया (Hyundai Motor India) के बहुप्रतीक्षित IPO (Most Awaited IPO) के लिए SEBI से मंजूरी मिल गई है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों के हवाले से ये खबर दी है. कंपनी ने जून में SEBI में IPO के लिए DRHP दाखिल किया था.

इन्‍होंने पहले एजेंसी को बताया था कि ह्युंदई इंडिया, करीब 20 बिलियन डॉलर की वैल्‍यूएशन पर IPO के जरिये 3 बिलियन डॉलर जुटाने वाली है. ह्युंदई इंडिया ने खबर लिखे जाने तक टिप्‍पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया है.

मारुति के बाद अब ह्युंदई

साउथ कोरियाई ऑटोमेकर कंपनी पिछले 2 दशकों में भारत में पब्लिक होने वाली पहली कार मेकर कंपनी होगी. बीते दो दशक से कोई भी कार बनाने वाली कंपनी भारत में IPO लेकर नहीं आई, मारुति के बाद ह्युंदई IPO ला रही है, मारुति साल 2003 में IPO लेकर आई थी. Maruti Suzuki India तब Maruti Udyog Ltd. के नाम से लिस्ट हुई थी.

LIC के बाद सबसे बड़ा IPO

जुटाई गई रकम के हिसाब से ये भारत का सबसे बड़ा IPO हो सकता है. LIC का IPO अभी तक का सबसे बड़ा रहा है, जिसका साइज करीब 21 हजार करोड़ रुपये का था.

इस ऑफर में कंपनी के 17.5% या 14.2 करोड़ शेयर जारी किए जाएंगे. ये पूरी तरह OFS यानी ऑफर फॉर सेल होगा. IPO के लिए सिटी, HSBC, कोटक, मॉर्गन स्टैनली मर्चेंट बैंकर्स होंगे. इसके लिए इन्वेस्टर रोडशो अगस्त में शुरू किए जा सकते हैं.

दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी

ह्युंदई 15% मार्केट शेयर के साथ ये दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी है. देखने वाली बात ये है कि ह्युंदई ने भारत के उपभोक्ताओं को किस बेहतर तरीके से समझा है, एक विदेशी कंपनी होने के बावजूद वो भारत के कार मार्केट में टिक गई, और मारुति जैसी कंपनी को टक्कर देती रही. कई दूसरी विदेशी कंपनियां जैसे फोर्ड मोटर्स और जनरल मोटर्स दुनिया में तो अपना दबदबा कायम रखने में कामयाब रहीं, लेकिन भारत, जो कि दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार मार्केट है, टिक नहीं पाईं और बाहर हो गईं.

ह्युंदई ने भारत की नब्ज को समझा

भारत में ह्युंदई के पैर किस कदर मजबूती से जमे हुए हैं, इसको ऐसे समझें कि भारत में बिकने वाली हर चार कार में से एक कार ह्युंदई की होती है. दरअसल, अप्रैल महीने में ह्युंदई ने भारत में लगभग उतनी ही कारें बेचीं, जितनी अपने देश दक्षिण कोरिया में बेचीं. दक्षिण कोरिया में इसने 4.4% सालाना गिरावट के साथ 63,733 कारें बेचीं, जबकि भारत में, बिक्री में बिक्री 10% और कुल 63,701 कारें बेचीं. इसमें 50,201 कारों की बिक्री घरेलू रही जबकि 13,500 कारों को एक्सपोर्ट किया गया

भारत में क्‍या है ह्युंदई का प्‍लान? 

भारत, ह्युंदई के लिए अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बाद तीसरा सबसे बड़ा रेवेन्‍यू जेनरेटर है. कंपनी ने यहां करीब 5 बिलियन डॉलर का निवेश किया है, जबकि अगले 10 साल में और 4 बिलियन डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है.

ह्युंदई इंडिया, अपनी SUV लाइनअप का विस्तार कर टाटा मोटर्स जैसे तेजी से बढ़ते घरेलू प्रतिद्वंद्वियों से मार्केट शेयर हासिल करना चाहती है. मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने पहले रॉयटर्स को बताया था कि कंपनी अगले साल की शुरुआत में अपना पहला मेड इन इंडिया इलेक्ट्रिक वाहन (EV) लॉन्च करने की योजना बना रही है. साथ ही साल 2026 से बाजार के लिए तैयार कम से कम दो गैसोलीन-संचालित मॉडल पेश करने का भी प्‍लान है.

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