देश में इस साल एक के बाद एक कंपनियों की ओर से धड़ाधड़ IPO की पेशकश ने रिटेल इन्वेस्टर्स को खूब आकर्षित किया है. विदेशी बाजारों की तुलना में भारत में कहीं ज्यादा IPO जारी किए गए हैं और रिटेल इन्वेस्टर्स ने इनमें निवेश कर खूब पैसा भी कमाया है. ऐसे में आगे भी आने वाले IPOs में रिटेल इन्वेस्टर्स का निवेश जारी रहने की उम्मीद है.
ब्लूमबर्ग ने जो आंकड़े जुटाए हैं, उनके अनुसार, इस साल भारतीय बाजार में एंट्री मारने वाले शेयरों ने अपने डेब्यू के बाद से औसतन करीब 57% का प्रॉफिट दिया है, जो कि एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए 32% की तुलना में काफी अधिक है, जबकि ग्लोबल एवरेज की तुलना में तो दोगुने से भी ज्यादा है.
आने वाले कुछ महीनों में कम से कम 15 और कंपनियां IPO लाने की तैयारी में है, जिनसे संभावित रूप से कुल 11 बिलियन डॉलर जुटाने का लक्ष्य है. IPOs में खुदरा निवेशकों का निवेश इनकी सफलता के लिए महत्वपूर्ण रहा है. भारत 2024 में IPO के लिए वैश्विक स्तर पर सबसे हॉटस्पॉट में से एक है, क्योंकि बढ़ते वैल्यूएशन और शानदार आर्थिक संभावनाएं कंपनियों को आकर्षित कर रही हैं.
सिंगापुर स्थित NAV कैपिटल इमर्जिंग स्टार फंड का प्रबंधन करने वाले विनीत अरोड़ा ने कहा, 'फिलहाल ये लंबी रेस जैसी लग रही है जो जल्द ही रुकने वाला नहीं है. मैं युवा पीढ़ी के बहुत से निवेशकों से बात करता हूं. उनमें से अधिकांश घर या रियल एस्टेट नहीं खरीदना चाहते, बल्कि वे शेयर बाजार में अपना रास्ता तलाश रहे हैं.'
प्राइम डेटाबेस ग्रुप के आंकड़ों के अनुसार, इस साल भारतीय शेयर बाजार में पेश किए 36 IPO में रिटेल इन्वेस्टर्स ने 10.6 बिलियन डॉलर के शेयरों के लिए दांव लगाया. आंकड़ों से पता चलता है कि ये राशि IPOs में रिटेल इन्वेस्टर्स के हिस्से से 12 गुना ज्यादा थी. सारे नए शेयर में रिटेल इन्वेस्टर्स कोटा पूरी तरह से भरे हुए थे.
पहली तिमाही में रेगुलेटर्स की कड़ी नजर रहने के बावजूद व्यक्तिगत खरीद में कमी नहीं आई है. नियामकों ने इस दौरान कड़ी मॉनिटरिंग की और सख्त नियम भी बनाए. हालांकि लिस्टिंग के तुरंत बाद कई छोटे सौदे फेल हो गए थे. अधिकारियों ने 'गलत व्यवहार' को खत्म करने के उद्देश्य से शेयर खरीद के लिए रिटेल इन्वेस्टर्स को उधार देने पर रोक लगाई, ताकि उनकी भागीदारी कम की जा सके.
हाल के महीनों में मार्केट में एंट्री मारने वाले 7 IPO ने व्यक्तिगत मांग को आकर्षित किया, जो उपलब्ध राशि से 50 गुना से भी ज्यादा थी. इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग फर्म, एक्सिकॉम टेली-सिस्टम्स (Exicom Tele-Systems) सबसे लोकप्रिय IPO में से एक थी, जिसमें रिटेल इन्वेस्टर्स ने उपलब्ध हिस्से से 120 गुना अधिक शेयरों के लिए दांव लगाया. ये शेयर अपने इश्यू प्राइस से करीब 230% उछला है.
प्राइम डेटाबेस ग्रुप के MD प्रणव हल्दिया के अनुसार, हालांकि व्यक्तिगत भागीदारी में कमी आने की उम्मीद नहीं है, लेकिन कई लोग लंबे समय तक स्पेसिफिक शेयरों में निवेश बनाए रखने का प्लान नहीं बनाते हैं.
हल्दिया ने कहा, 'ज्यादातर रिटेल इन्वेस्टर्स मूल रूप से फ्लिप करने के लिए आते हैं और कंपनियों, सेक्टर्स या उनकी वित्तीय स्थिति की स्टडी नहीं करते.' उन्होंने कहा, 'अभी जिस तरह की लिस्टिंग प्रॉफिट हम देख रहे हैं, अगर कोई आवंटन पाने में सक्षम है तो जल्दी पैसा बनाया जा सकता है.'